सुपर कप के नाम पर वास्तव में मजाक चल रहा है। गोवा में इस टूर्नामेंट में खेलने जाते समय अधिकांश टीमें अभ्यास के लिए अच्छे मैदान नहीं पा रही हैं। अत्यंत खराब मैदान में अभ्यास करते समय फुटबॉल खिलाड़ी चोटिल हो रहे हैं। रविवार को खराब सलसेट वाले वेरकार मैदान में मोहन बागान के दीपक टैंगरी को पैरों में मोच आ गई और उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा।
उनकी चोट कितनी गंभीर है, यह जांच के बाद ही पता चलेगा। हालांकि, अभ्यास के बाद वह अपने पैरों पर ही टीम बस में चढ़ गए। लगातार बारिश के कारण गोवा में मैदान और भी खराब हो गए हैं। बम्बोलिम तो रहा ही, फातोरदार मैदान में भी मैच खेलने गए फुटबॉल खिलाड़ी असहज स्थिति में रहे।
आईएसएल की गारंटी ना होने के कारण कई क्लब लगभग बिना प्रैक्टिस के यहां खेलने उतर रहे हैं। इंटर काशी की ही बात लें। उन्होंने दो दिन पहले गोवा में किसी तरह 20 फुटबॉलर इकट्ठा किए। कोच अंतोनियो या विदेशी सपोर्ट स्टाफ अभी नहीं आए हैं। गोलकीपर कोच अभिजित मंडल सिर्फ 40 मिनट की प्रैक्टिस करके टीम के साथ रविवार को खेलने उतरे। डुरंड कप विजेता नॉर्थईस्ट यूनाइटेड 5 विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेला, फिर भी विदेशी खिलाड़ियों से रहित काशी को हरा नहीं सका। मैच का परिणाम 2-2 रहा। इस बीच, 31 अक्टूबर को कोलकाता डर्बी के उत्साह में कुछ हद तक ईस्ट बंगाल का पॉइंट खोना ठहरा।
डेम्पे जैसे विदेशी खिलाड़ियों से रहित टीम के साथ 6 विदेशी खिलाड़ियों के बावजूद ऑस्कर ब्रुज़र की टीम ने ड्रा किया। मंगलवार को वे चेन्नईयिन के खिलाफ जीत नहीं पाए तो डर्बी का महत्व नहीं रहेगा। क्योंकि मोहन बागान ने पहले मैच में चेन्नईयिन को 2-0 से हराकर अच्छी स्थिति में हैं। ग्रुप से एक टीम सेमीफाइनल में पहुंचेगी। इसीलिए यदि ईस्ट बंगाल फिर से पॉइंट खो देता है और डेम्पे के खिलाफ जीतता है, तो होसे मोलिनार की टीम डर्बी से पहले ही अंतिम चरण में पहुंच जाएगी।