सुनील छेत्री का अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास, अब देश की जर्सी में नहीं दिखेंगे सुनील

By नवीन पाल, Posted by: लखन भारती.

Nov 07, 2025 12:30 IST

42 साल की उम्र में और कितने दिन खेलेंगे ? यह सवाल सुनील छेत्री को लेकर बार-बार घूम रहा था। इतनी उम्र हो जाने के बावजूद वे बेंगलुरु FC और राष्ट्रीय टीम के मुख्य स्ट्राइकर हैं। हालांकि, खालिद जामील कोच के रूप में आने के बाद सुनील का विकल्प खोजने का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कुछ मैचों के लिए छेत्री को नहीं रखा। आगामी बांग्लादेश के खिलाफ मैच में भी सुनील को प्रारंभिक टीम में नहीं रखा गया। इस स्थिति में अब सुनील छेत्री ने देश की जर्सी में अपने संन्यास की घोषणा कर दी।

2024 के जून महीने में सुनील छेत्री ने कोलकाता में भव्य रूप से संन्यास लिया लेकिन मनोलो मार्केस ने फिर से उन्हें संन्यास छोड़कर खेलने के लिए बुला लिया। इसके लिए आलोचना भी कम नहीं हुई। 2027 के AFC एशियाई कप के क्वालिफिकेशन चरण के लिए सुनील को खेलाया गया लेकिन टीम क्वालिफाई नहीं कर पाई। इसके बीच में मार्केस ने कोचिंग छोड़ दी और खालिद जमीने जिम्मेदारी संभाली लेकिन जिस टूर्नामेंट के लिए सुनील को संन्यास तोड़कर लाया गया था उसमें टीम का खराब प्रदर्शन होने के कारण अब वह फिर से संन्यास की ओर बढ़ रहे हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया को हाल ही में इंटरव्यू देते हुए सुनील ने कहा कि अगर हम इस बार ISL जीतते हैं तो शायद मुझे फिर से देश के जर्सी में खेलने का मौका मिलेगा। 42 साल की उम्र में यह आसान नहीं है। मैं इस सीजन में कम से कम 15 गोल करके संन्यास लेना चाहता हूँ।’ यानी इसी मौजूदा सीजन में वह सभी प्रकार के फुटबॉल से संन्यास ले सकते हैं। यह पूरी तरह ISL में उनके क्लब बेंगलुरु एफसी पर निर्भर करेगा।

छेत्री ने मौजूदा कोच खालिद जामिल को अपनी सेवानिवृत्ति के बारे में सूचित किया। उन्होंने कहा कि खालिद सर को मेरा निर्णय बताना आसान था। जब मैंने देश की जर्सी में वापसी की तो मेरा लक्ष्य देश को क्वालीफाई करवाना था। अब कोई क्वालीफायर नहीं है इसलिए शायद मैं फिर कभी नहीं लौटूँगा। जब मैंने कोच को बताया तो उन्होंने समझा और इससे मैं खुश हूँ।सुनील छेत्री की सेवानिवृत्ति तोड़कर की वापसी यादगार नहीं रही। उनकी वापसी के बाद उन्होंने कुल छह मैच खेले और केवल एक ही गोल किया।

देश की जर्सी में कुल गोल संख्या 95 है। यानी अगर वह देश के लिए और नहीं खेलते हैं तो 95 गोल पर ही उनका रिकॉर्ड समाप्त होगा। कोई अफ़सोस नहीं यह निर्णय लेने के बावजूद उन्हें कोई अफ़सोस नहीं है। उन्होंने बताया कि पिछले ISL के फॉर्म के लिए उन्हें एशियाई क्वालीफायर में बुलाया गया था। यही वजह थी कि उन्होंने सेवानिवृत्ति तोड़ी। हालांकि उनका कहना है कि टीम क्वालीफाई न कर पाने के बावजूद उन्होंने जो संघर्ष किया उसमें क्वालीफाई न कर पाने का अफ़सोस है।

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