सुपर कप का अभियान आसान जीत के साथ शुरू हुआ था लेकिन दूसरे मैच से ठीक पहले हरे-मैरून शिविर को बड़ा झटका लगा है। गोवा के डेम्पो के खिलाफ खेलने के 48 घंटे पहले वर्ना पंचायत ग्राउंड के बारिश से भीगे मैदान पर अभ्यास के दौरान दीपक टांगरी को गंभीर चोट लगी। चोट लगने के बाद साथियों के कंधे पर सहारा लेकर मोहन बागान के इस महत्वपूर्ण मिडफील्डर को मैदान छोड़ना पड़ा।
चोट बड़ी नहीं है, लेकिन फुटबॉलरों के साथ जोखिम लेने को तैयार नहीं हैं बागान के स्पेनिश कोच होसे मोलिना। आज की चोट की वास्तविक स्थिति पता चलने की बात है लेकिन मैदान की गुणवत्ता को लेकर गुस्सा बढ़ रहा है। अभ्यास के मैदान को लेकर असंतुष्ट हैं मोलिना, और फतोरदा के मैच वेन्यू को लेकर भी चिंतित हैं कप्तान सुभाशीष बसु। शनिवार के मैच में बारिश के कारण पहले हाफ में ही समस्या में पड़ गया था मोहन बागान। जबकि इसी मैदान पर खेलने होंगे सुपर कप के सभी मैच।
विदेशी खिलाड़ियों के बिना डेम्पो के खिलाफ मैच आसान नहीं होगा, यह अच्छी तरह जानते हैं मोलिना। उन्होंने पहले मैच में ईस्ट बंगाल जैसी मजबूत टीम को रोक दिया है और उसी आत्मविश्वास के साथ मंगलवार को मोहन बागान के खिलाफ खेलने उतरेगा डेम्पो। इसीलिए अतिरिक्त सतर्क हैं मोलिना। उन्होंने कहा, 'पहले मैच में ही उन्होंने अपनी जात पहचान दी है। ईस्ट बंगाल को रोकना कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है। हमें हर पल सतर्क रहना होगा। मैदान में उतरते ही, पहले की तरह, अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा।'
साथ ही उन्होंने कहा, 'जिन दो मैदानों पर हमने अभ्यास किया है, वे भयानक हैं। किसी भी तरह से पेशेवर फुटबॉल के मैदान नहीं हैं। उस मैदान पर अभ्यास नहीं किया जा सकता। फिर भी समस्या को हमने स्वीकार किया है। उसी में अभ्यास की कोशिश कर रहे हैं। बारिश में थोड़ा भी खेलने में समस्या हो रही है।' मैकलारेन के दो गोल को लेकर भी मोलिना में उत्साह नहीं है। बल्कि कहते हैं, 'एक स्ट्राइकर की यही जिम्मेदारी है।'
इधर ईस्ट बंगाल शिविर काफी दबाव में है। डेम्पो के साथ ड्रा करके सुपर कप में पॉइंट टेबल पर बड़ा झटका खाया है। आज वे चेन्नईयिन एफसी के खिलाफ उतर रहे हैं। चेन्नई की टीम में भी कोई विदेशी नहीं है। ईस्ट बंगाल चाहेगा, तुलनात्मक रूप से कमजोर दक्षिणी टीम के खिलाफ आसान जीत हासिल करना। साथ ही उनकी नजर मोहन बागान मैच पर भी रहेगी। डेम्पो के साथ अगर बागान ड्रा करता है, तो डर्बी से पहले लाल-पीली टीम के लिए बड़ी राहत होगी। क्योंकि कोलकाता की दोनों प्रमुख टीमें अपने ग्रुप चरण के अंतिम मैच में एक-दूसरे के सामने होंगी।
अतीत में एएफसी चैलेंज लीग में पहले मैच में अटकने के बाद भी क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी ईस्ट बंगाल। उसी संघर्ष की स्मृति इस बार लाल-पीली टीम को सहारा दे रही है। टीम के कोच ऑस्कार ब्रुजो कहते हैं, 'चैलेंज लीग में पहला मैच ड्रा करने के बाद भी हम अगले राउंड में पहुंचे थे। अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल में भी ऐसी मिसाल है, 2010 में स्पेन ने पहला मैच हारने के बाद विश्वकप जीता था। रियल मैड्रिड भी कई बार पहले चरण में खराब शुरुआत करके बाद में शानदार वापसी की है। हम भी उसी राह पर चल रहे हैं।'
डेम्पो के खिलाफ हार के कारण के बारे में ऑस्कार कहते हैं, 'हम खराब नहीं खेल रहे लेकिन ध्यान की मामूली गलती से ही गोल खा बैठते हैं। यह अब नहीं चलेगा। आगे जीवन-मरण का मैच है, एक गलती मतलब बाहर होने का खतरा।'
चेन्नईयिन की रणनीति को लेकर भी वे सतर्क हैं। मोहन बागान के खिलाफ मैच देखा है। ऑस्कार कहते हैं, 'वे काउंटर अटैक पर निर्भर फुटबॉल खेलते हैं। मौका मिलते ही काम में लगाने की कोशिश करते हैं। हमें भी उनकी गलती का फायदा उठाना होगा। पिछले मैच में हमारी दो गलतियों से ही गोल खाए हैं, इस बार ऐसा नहीं होने देना चाहिए।'