समाचार एई समय : पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची में 'स्पेशल इंटेंसिव रिविजन' (SIR) की घोषणा होते ही राज्य में योजनाबद्ध तरीके से आतंक का माहौल बनाया जा रहा है। राज्य की सत्तारुढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने यह आरोप लगाया गया है। इसी के कारण उत्तर उपनगर के पानीहाटी में प्रौढ़ प्रदीप कर ने आत्महत्या कर ली है। यह आरोप लगाते हुए तृणमूल ने विरोध-प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। तृणमूल का आरोप है कि कूचबिहार के दिनहाटा और बीरभूम के इलमबाजार में भी लोगों के मन में यही आतंक समाया हुआ है।
अब इसके पलटवार में भाजपा उतरी है। भाजपा की ओर से व्यंगात्मक कटाक्ष किया जा रहा है कि भविष्य में अगर कहीं पेड़ से गिरकर भी किसी की मौत हो जाती है तो तृणमूल कहेगी कि 'SIR' के डर से मर रहे हैं! इसके साथ ही भाजपा ने जोर डालकर यह दावा किया है कि प्रदीप कर ने SIR के कारण आत्महत्या नहीं की है। सही जांच होने पर ही सब सच सामने आ जाएगा।
गुरुवार को पूर्व मेदिनीपुर के नंदीग्राम में विधानसभा के विपक्षी पार्टी के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह एक साजिश के तहत बनायी हुई घटना हैं! यह बात सभी जानते हैं। सुसाइड नोट में जो हस्ताक्षर है, वह प्रदीप कर का नहीं है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि पुलिस में दम है तो सुसाइड नोट को सेंट्रल फॉरेंसिक लैब में भेजे। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की फॉरेंसिक लैब तृणमूल के इशारे पर चलती है।
जब तक SIR चलेगा तब तक कोई पेड़ से गिरकर मर जाए या बिजली गिरने से मर जाए तब भी तृणमूल नेता कहेंगे कि सार के डर से मर रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शमीक भट्टाचार्य ने भी तृणमूल पर हमला बोलते हुए कटाक्ष किया कि एक आदमी के दाहिने हाथ में चार उंगलियां नहीं हैं और वह सुसाइड नोट लिखकर मर गए! तृणमूल में बहुत बड़े-बड़े नाटककार हैं। फिर भी इतनी कमजोर स्क्रिप्ट कैसे लिखी गई, समझ नहीं पा रहा!
शुक्रवार को ही इलमबाजार के निवासी बुजुर्ग क्षितीश मजुमदार (95) ने आत्महत्या कर ली। उनके परिवार का आरोप है कि इसके पीछे 'SIR' का आतंक ही है। तृणमूल ने इस घटना को हथियार बनाकर 'SIR' विरोधी प्रचार पर जोर दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इन आत्महत्या की घटनाओं को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
जवाब में भाजपा सहायक केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित मालव्य ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है, 'तृणमूल का झूठ पहले से ही सामने आ चुका है। 57 वर्षीय पानीहाटी के प्रदीप कर की आत्महत्या की घटना को राज्य की सत्तारुढ़ पार्टी NRC से जोड़कर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती थी। लेकिन वह लोगों की पकड़ में आ गया। इसलिए तृणमूल नेत्री एक 95 वर्षीय बुजुर्ग की मौत का भी राजनीतिक रूप से फायदा उठाने के लिए मैदान में उतरी हैं।' उन्होंने चेतावनी के लहजे में कहा, 'भाजपा सत्ता में आने पर इन सभी आत्महत्या की घटनाओं की निष्पक्ष जांच होगी। और वास्तविक घटना आम जनता के सामने लाई जाएगी।'