भगदड़ को लेकर ममता बनर्जी ने जतायी चिंता कहा, एक व्यक्ति भागता है तो 50 लोग दौड़ पड़ते हैं!

'गंगा में पूजा करने जा रहे लोगों से मेरा अनुरोध है कि कृपया पूजा पूरी करने के लिए धीरे-धीरे घाट पर उतरें। जल्दबाजी न करें।'

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Oct 27, 2025 19:11 IST

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने छठ व्रतियों को पानी में उतरते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्होंने चेतावनी दी है कि भगदड़ जैसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। हर साल की तरह इस साल भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी छठ पूजा के अवसर पर दहीघाट पर पहुंची। महानगर में छठ पूजा का सबसे बड़ा घाट दहीघाट पर ही बनाया जाता है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने छठ व्रतियों का अभिवादन करते हुए उन्हें गंगा में जाते समय सावधानी बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि गंगा में पूजा करने जा रहे लोगों से मेरा अनुरोध है कि कृपया पूजा पूरी करने के लिए धीरे-धीरे घाट पर उतरें। जल्दबाजी न करें। सभी एक साथ नीचे न जाएं। मैं सुरक्षाकर्मियों से कहूंगी कि वे ध्यान रखें कि जब एक समूह ऊपर चढ़ जाए, तो दूसरे समूह को उसके बाद नीचे जाने दिया जाए। खासतौर पर महिलाओं और बच्चों के साथ सावधानी बरतें।

उन्होंने महाकुंभ में हुई भगदड़ जैसी घटनाओं से बचने के लिए भी चेतावनी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कोई कहे कि वहां हंगामा हो रहा है, तो इधर-उधर मत भागना। एक आदमी भागेगा तो और 50 लोग भागेंगे। इस तरह की घटनाओं में ही कुचले जाने की आशंका होती है। मुझे बहुत चिंता होती है।

गौरतलब है कि बंगाल में भी छठ की धूम कम नहीं होती है। इस बारे में मुख्यमंत्री ने कहा किबिहार की तरह हमारे पूरे राज्य में छठ पूजा मनाई जाती है। हमारे राज्य में छठ के लिए दो दिन की छुट्टी भी दी जाती है। क्योंकि दोपहर में गंगा में पूजा करने के बाद अगली सुबह पूजा के लिए घाट पर सभी को वापस आना होता है। सुबह सूर्य देव की पूजा की जाती है। छठ पूजा आसान नहीं है। आपको 36 घंटे उपवास करना होता है और फिर पूजा करनी होती है। जो लोग उपवास करते हैं और पूरा रास्ता पार करते हैं, उन्हें मेरा प्रणाम। आप सब कुशल मंगल से रहे।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि छठ पूजा के दौरान लोगों को पूजा करने के लिए गंगा घाटों पर जाना पड़ता है। इसलिए तृणमूल सरकार ने सभी घाटों को खूबसूरती से तैयार किया है। नगर निगम के सूत्रों के अनुसार, गंगा और विभिन्न तालाबों सहित कुल 153 स्थायी और अस्थायी, छठ घाट तैयार किए गए हैं। इसके अलावा, कोलकाता महानगर विकास प्राधिकरण ने शहर के 13 स्थानों पर 29 घाटों पर छठ की व्यवस्था की है। इन घाटों के पास महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम और बायो टॉयलेट की सुविधा भी उपलब्ध करवायी गयी है। रवींद्र सरोवर और सुभाष सरोवर को प्रदूषण के लिहाज से बंद रखा गया है।

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