बालू तस्करी के मामले में अरुण सराफ नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। गुरुवार की दोपहर को एंफोर्समेंट डिरेक्टोरेट (ED) के अधिकारियों ने अरुण सराफ को गिरफ्तार किया। अरुण पर कुल ₹78 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप है। ईडी के अधिकारियों ने गुरुवार को ही अरुण को अदालत में पेश किया।
बता दें, ईडी के अधिकारियों ने पिछले सितंबर में अरुण के साल्टलेक स्थित ऑफिस में तलाशी अभियान चलाया था। गुरुवार की सुबह लगभग 10 बजे से अरुण से पूछताछ चल रही थी और शाम को करीब 5 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार अरुण जीडी माइनिंग नामक एक कंपनी के प्रमुख थे। इस कंपनी की शुरुआत 4 मार्च 2011 को हुई थी। मिली जानकारी के अनुसार अरुण की कंपनी बालू की खदानें लीज पर खरीदती थी। आरोप है कि नियमों के अनुसार जितना बालू निकाला जाना था, उससे कहीं ज्यादा बालू निकाला गया।
बालू की बिक्री से जो भी आय होता था वह अरुण के अपने विभिन्न खातों में जमा करवा दिया जाता था। ईडी के वकील ने कहा कि अरुण जीडी माइनिंग और अन्य कंपनियों के ऑफिसों को नियंत्रित करता था। उसे हिरासत में लेकर आगे की पूछताछ करने की जरूरत है। बताया जाता है कि अरुण के खिलाफ मिले सबूतों के आधार पर आगे की पूछताछ बेहद जरूरी है।
जीडी माइनिंग कंपनी के साल्टलेक और बेहला में ऑफिस बताए जाते हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सितंबर में ईडी के अधिकारियों ने इन दोनों ऑफिसों के साथ-साथ झाड़ग्राम, पश्चिम मेदिनीपुर और उत्तर 24 परगना में भी छापेमारी की थी। गुरुवार की सुबह से ही बालू तस्करी मामले में राज्य के कई ठिकानों पर छापेमारी चल रही थी। बाद में अरुण को हावड़ा के बाली इलाके से गिरफ्तार किया गया।
अरुण साल्टलेक में रहते हैं। वह सेक्टर 3 के एफई 326 में एक आलीशान घर में रहते हैं। ईडी ने अरुण के इस घर पर भी छापेमारी की। बताया जाता है कि अरुण के ऑफिस से ईडी ने लगभग ₹29 लाख जब्त किए। अरुण की कंपनी पर आरोप है कि बालू की बिक्री से होने वाली आय को अवैध रूप से विभिन्न बीमा कंपनियों में निवेश किया जाता था। ईडी के अधिकारियों ने संदेह व्यक्त करते हुए संभावना जतायी है कि यह धन न सिर्फ केवल दूसरे राज्यों, बल्कि हवाला के माध्यम से दूसरे देशों में भी भेजा गया था।