कोलकाता को विकसित करके लंदन बनाना है, लेकिन कोलकाता कहीं पेरिस न बन जाए! इसी बात को ध्यान में रखते हुए कोलकाता में मौजूद एशिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने म्यूज़ियम की सुरक्षा में अब AI तकनीक की मदद लेने का फैसला लिया है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही कोलकाता के इंडियन म्यूजियम (Indian Museum) की सुरक्षा को और भी मजबूत बनाने के लिए अब AI तकनीक की सहायता ली जाएगी। पर अचानक क्यों इंडियन म्यूज़ियम की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर यह फैसला लिया गया?
आखिरी बार 2004 में हुई थी चोरी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोलकाता के इंडियन म्यूज़ियम में आखिरी बार 21 साल पहले वर्ष 2004 में चोरी की घटना घटी थी। उस समय गौतम बुद्ध की एक दुर्लभ प्रतिमा चोरी हुई थी, जिसका रहस्य आज तक नहीं सुलझाया जा सका है। अगर म्यूज़ियम की बात करें तो यहां कुल 35 गैलरी हैं, जिसमें मुगल बादशाह शाहजहां की सोना और रुबी जड़ा सुरापात्र, मिश्र की मम्मी, समुद्रगुप्त की स्वर्णमुद्रा ले लेकर कई ऐतिहासिक और कीमती चीजें आज भी सुरक्षित हैं।
कितनी मजबूत है सुरक्षा व्यवस्था?
आनंदबाज़ार पत्रिका की एक मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार म्यूज़ियम में 700 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। बताया जाता है कि यहां लगा प्रत्येक कैमरा कोई आम नहीं बल्कि मोशन डिटेक्टर है। यानी किसी भी व्यक्ति ने अगर जरा भी संदेहास्पद हरकत की तो कैमरे की पैनी नजर से उसे कोई नहीं बचा सकता। फिर सुरक्षा व्यवस्था में AI तकनीक की मदद लेने की क्यों बनायी गयी योजना?
क्यों ली जाएगी AI तकनीक की मदद?
इस बारे में म्यूजियम के निदेशक अरिजीत दत्त चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारा हर सीसीटीवी कैमरा विशेष क्षमता वाला है। लेकिन अब हम कैमरों में AI तकनीक की मदद लेंगे ताकि रात के समय अगर कुत्ता-बिल्ली यहां-वहां घूमती है तो अलार्म न बजने लगे। उन्होंने कहा कि नई तकनीकों की मदद से कैसे सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकें, हम इस बारे में ही सोच-विचार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछले दिनों मात्र 7 मिनट में ही पेरिस के लुव्र म्यूजियम में चोरी की घटना को अंजाम दे दिया गया था। इस घटना में नेपोलियन संग्रह से 9 ऐतिहासिक गहने गायब हो गए हैं। क्या इस घटना के बाद ही कोलकाता के इंडियन म्यूज़ियम में AI तकनीक की मदद लेने का फैसला लिया गया?
हालांकि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अरिजीत दत्त चौधरी ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि लुव्र म्यूजियम में चोरी की घटना के बाद हमने इंडियन म्यूज़ियम की सुरक्षा को लेकर फिर से जरूर सोचा है लेकिन हम काफी पहले से ही सुरक्षा के लिए AI तकनीकों की मदद लेने के बारे में सोच-विचार कर रहे हैं।