अगर SIR में एक भी वैध मतदाता का नाम कटा तो भाजपा सरकार को तोड़कर मानेंगे : ममता बनर्जी

अपने संबोधन में शुरू से लेकर अंत तक ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर एक के बाद एक हमले किए।

By Moumita Bhattacharya

Nov 04, 2025 19:41 IST

राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के शुरू होने के बाद से कई जगहों से लोगों की मौतों की खबरें सामने आ रही हैं। तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि इन मौतों के पीछे SIR को लेकर घबराहट है। एक ओर राज्य में SIR के मुख्य चरण की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे माहौल में तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी मंच से राज्यवासियों और विरोधियों को क्या संदेश देती हैं? सबकी निगाहें इसी पर टिकी थीं। अपने संबोधन में शुरू से लेकर अंत तक ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर एक के बाद एक हमले किए।

'अखंड भारत' का संदेश

मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रैली के बाद अपने संबोधन में कहा, 'काफी लोग असंगठित क्षेत्रों में काम करते हैं। वे SIR की लिस्ट से अपना नाम कट जाने को लेकर चिंतित हैं। प्रवासी मजदूर भी डरे हुए हैं। याद रखें, बांग्ला भाषा बोलने से कोई बांग्लादेशी नहीं हो जाता। और न ही हिंदी बोलने से कोई पाकिस्तानी हो जाता।' ममता ने देश विभाजन से पहले के 'अखंड भारत' का मुद्दा भी उठाते हुए भाजपा नेताओं को 'मूर्ख' और 'अर्ध-शिक्षित' करार दिया।

AI का इस्तेमाल कर फर्जी बातें फैलाने का आरोप

ममता बनर्जी ने भाजपा के खिलाफ AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का इस्तेमाल कर फर्जी जानकारियां फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'मैं जो कुछ भी कहती हूं, उसे पूरा नहीं दिखाया जाता है। अब तो AI का इस्तेमाल भी होता है। मेरी फोटो दिखाई जाएगी और उल्टी-सीधी बाते कही जाएगी। फर्जी न्यूज से ट्रोल किया जाता है।'

नाम लिए बगैर साधा निशाना

रैली के बाद जनता के नाम संबोधन के दौरान ममता बनर्जी ने भाजपा नेताओं का नाम लिए बगैर तीखा वार किया। उन्होंने कहा, 'भाजपा में कुछ गद्दार हैं। जो मन में आता है एजेंसी के माध्यम से उसे कुछ भी बोल देते हैं। 80 गाड़ियां लेकर घूमते हैं। सोमवार को कोई एक बाबू ने कहा कि वह एक जिले में जाएंगे लेकिन वहां भीड़ नहीं होनी चाहिए। अगर हिम्मत है तो आम लोगों के बीच जाकर दिखाएं।'

ममता बनर्जी ने आगे कटाक्ष करते हुए कहा, 'दलाली की एक सीमा रहती है। आपलोगों ने अत्याचार की सारी सीमाएं पार कर ली है।' उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधा वार करते हुए दावा किया कि वह टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल कर अपनी बात रखते हैं। नोटबंदी करने के बाद भी केंद्र की भाजपा सरकार काला धन वापस नहीं ला पायी। उन्होंने दावा किया कि भाजपा में ही मतभेद हैं।

नहीं जानते बड़ों का सम्मान करना

भाजपा के एक प्रमुख नेता का नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तंज कसते हुए कहा, 'अभिषेक (बनर्जी) को कहा है कि तेरी बुआ (पीशी) के माता-पिता का सर्टिफिकेट लेकर आए। वे सम्मान देना नहीं जानते हैं। देंगे भी कैसे! पिता को मंत्री बनाया गया तो बेटा नहीं गया। उनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है।'

ममता बनर्जी ने दावा किया, 'साल 2002 की वोटर लिस्ट में द्विजन मुखर्जी का नाम नहीं है। कई घरों का नाम गायब कर दिया गया है। अगर उनका नाम गायब हो सकता है तो ये लोग सबका नाम गायब कर सकते हैं।' उन्होंने बताया कि वर्ष 1989 में वह सॉल्टलेक चले गए थे। उनका पैतृक निवास श्यामपुकुर में था। वर्ष 2002 की मतदाता सूची में उनके परिवार के किसी सदस्य का नाम नहीं है। सॉल्टलेक का घर भी गायब है।

एक भी योग्य वोटर का नाम कटा तो....

ममता बनर्जी ने तीखा हमला करते हुए कहा, 'साल 2001 में चुनाव के बाद आखिरी बार SIR हुआ था। बंगाल में 2002-03 में कोई चुनाव नहीं हुआ था। SIR होने के बाद साल 2004 में चुनाव हुआ था। लगभग दो-ढ़ाई सालों तक यह काम हुआ था। फिर इतनी जल्दबाजी किस बात की? अगर एक भी योग्य मतदाता का नाम कटा तो भाजपा सरकार को तोड़कर मानेंगे।'

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आम जनता को चेताते हुए कहा कि हर किसी को व्यक्तिगत जानकारियां न दें। सिर्फ उचित व्यक्ति को ही अपनी व्यक्तिगत जानकारी दे। उन्होंने अपने संबोधन में मतुआ संप्रदाय के साथ खड़े होने की बात भी कही। इसके साथ ही आश्वासन दिया कि आम लोगों के साथ खड़े होने के लिए अगर लोटा-कंबल (अपना सब कुछ) बेच भी देना पड़े, तो वह नहीं हिचकिचाएंगी।

Prev Article
अभिषेक बनर्जी का भाजपा पर वार, कहा - पहले जनता सरकार चुनती थी, अब सरकार लोगों को चुन रही है!
Next Article
देश में पहली बार कलकत्ता हाई कोर्ट ने दी नाबालिग के अग्रिम जमानत मांगने के अधिकार को मान्यता

Articles you may like: