दुर्गा पूजा के बाद ही पश्चिम बंगाल के वोटर लिस्ट में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) होने का अनुमान लगाया गया था। अब तक चुनाव आयोग ने इस मामले में कई चरणों में बैठक भी की है। संभावना जतायी जा रही है कि किसी भी समय इस बाबत समीक्षा शुरू होने वाली है। ऐसी स्थिति में अब वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने की होड़ लगने का आरोप लगाया जा रहा है।
TV9 की मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार जब से SIR के शुरू होने की सुगबुगाहट तेज हुई है, उसके बाद से ही बड़ी संख्या में लोग वोटर लिस्ट में अपना नाम शामिल करने के लिए होड़ में लगे हुए हैं। बीएलओ (BLO) स्तर पर भी इस बारे में सारे काम निपटा रहे हैं। लेकिन वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने का आवेदन कर रहे बड़ी संख्या में लोगों की आयु 60 वर्ष या उससे ज्यादा बतायी जा रही है। यह देखकर ही मतदान कर्मी भी सकते में हैं। बताया जाता है कि कोलकाता शहर में बड़ी संख्या में 60 या उससे अधिक आयु के बुजुर्ग अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल करने का आवेदन कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा कसबा, कोलकाता पोर्ट और बाइपास से सटे इलाकों से लोग आवेदन कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि जिन लोगों ने अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल करने का आवेदन किया है, उनमें से 30 प्रतिशत लोगों की आयु 45 से 60 साल के बीच में है। बताया जाता है कि बीएलओ भी इस बाबत शिकायत दर्ज करवा रहे हैं।
इस मामले के सामने आने के बाद भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कटाक्ष करते हुए इनके घुसपैठिया होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि घुसपैठिए ही अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं। वरना 60 साल की आयु तक किसी का नाम वोटर लिस्ट में कैसे शामिल नहीं हुआ? साथ ही उन्होंने इनके बांग्लादेशी और म्यांमार से होने और रोहिंग्या होने का आरोप भी लगाया।
वहीं तृणमूल प्रवक्ता अरूप चक्रवर्ती ने इन आरोपों को अस्वीकार करते हुए पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि पहले लोग अपने मताधिकार को लेकर सजग नहीं थे। अब तक SIR को लेकर डराया जा रहा है, इसलिए लोग अपना नाम वोटर लिस्ट में दर्ज करवाना चाहते हैं।
बता दें, मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली में SIR को लेकर चुनाव आयोग ने फिर से बैठक बुलायी है। मंगलवार और बुधवार को यह बैठक होगी। ज्ञानेश कुमार की इस बैठक में सभी राज्यों के CEO भी शामिल होंगे।