आखिरकार 3 साल और 3 महीने बाद जेल से छूटकर नाकतला के विजयनिकेतन में लौटे राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी। शिक्षक नियुक्ति मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई 2022 को उनके घर से ही गिरफ्तार किया गया था। लगभग 3 साल और 3 महीने बाद पार्थ चटर्जी आखिरकार जमानत पर जेल से रिहा होकर अपने घर पर वापस लौटे हैं।
सोमवार को ही अदालत ने उनको जेल से रिहा करने पर अपनी हरी झंडी दिखा दी थी। मंगलवार को बाईपास के पास मौजूद एक निजी अस्पताल से उनको घर ले जाया जा रहा था, तब वह काफी भावुक नजर आ रहे थे। हमेशा की तरह ही मीडियाकर्मियों ने उन्हें घेर लिया था लेकिन उन्होंने संवाददाताओं से कोई बात नहीं की। अस्पताल से बाहर निकलकर जब वह गाड़ी में बैठ रहे थे, उस समय उनके कुछ समर्थकों के मुंह से 'पार्थदा जिंदाबाद' के नारे जरूर सुनाई दिए।
शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले की जांच करते हुए जुलाई 2022 को अर्पिता मुखर्जी नामक एक मॉडल के 2 फ्लैट से करीब 50 करोड़ रुपए नगद बरामद किए गए थे। इसके साथ ही भारी मात्रा में सोने के गहने भी बरामद हुए थे। बाद में जानकारी मिली कि अर्पिता पार्थ चटर्जी की करीबी है। रातभर हुई ईडी की पूछताछ के बाद 23 जुलाई की सुबह राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को जेल से छूटकर अपने घर पहुंचने के बाद पार्थ चटर्जी भावुक हो गए और फूट-फूटकर रोने लगे।