हुगली के रिसड़ा में बांगुड़ पार्क के सामने मौजूद बहुमंजिला इमारत 'चारु सुधा' के सामने रविवार की सुबह से पुलिस को तैनात किया गया है। इसी इमारत में 'मेसी कांड' (Lionel Messi) में गिरफ्तार सतद्रु दत्ता का घर है। रविवार को इस घर से एक महिला बाहर आयी, जिससे उनका परिचय पूछने पर पहले तो उन्होंने टालने की कोशिश की लेकिन बाद में बताया कि वह दीदी की मेकअप आर्टिस्ट हैं।
दरअसल, उक्त महिला सतद्रु दत्ता की पत्नी की मेकअप आर्टिस्ट हैं। उन्होंने बताया कि रिसड़ा के इस घर में अभी कोई नहीं है। परिवार के सदस्य वर्तमान में कहां हैं, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
इस कार्यक्रम के लिए 3 साल की थी मेहनत
उक्त महिला ने अपना नाम मौसमी दास बताया। उनका दावा है कि दादा (सतद्रु दत्ता) ने पिछले तीन सालों तक इस कार्यक्रम के लिए रात-दिन एक कर दिया था। गौरतलब है कि शनिवार को लियोनेल मेसी के कार्यक्रम में अव्यवस्था को लेकर आयोजकों को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। शनिवार को ही मुख्य आयोजक सतद्रु दत्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है। रविवार को अदालत ने उसे 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। खुद को सतद्रु दत्ता की पत्नी का मेकअप आर्टिस्ट बताने वाली उक्त महिला का दावा है कि रविवार से ही इस घर में कोई नहीं है।
नहीं है दादा की कोई गलती
उक्त महिला ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए दादा पिछले 3 सालों से कड़ी मेहनत कर रहे थे। लगातार दौड़ रहे थे। इसमें दादा की कोई गलती दिखाई नहीं दे रही है। वह बार-बार माइक पर चिल्ला-चिल्लाकर मैदान को खाली कर देने का अनुरोध कर रहे थे।
शनिवार को जो हुआ, वह सबके लिए ही दुःखद है। बता दें, पिछले कुछ सालों से ही सतद्रु काफी लोकप्रिय हैं। कोलकाता में मेसी को लाने में उनकी प्रमुख भूमिका बतायी जा रही है। सतद्रु के एक पड़ोसी समीर चौधरी का दावा है कि मुझे एक बाद सतद्रु ब्राजिल ले गए थे। बहुत अच्छी व्यवस्था थी। इससे पहले भी कई खिलाड़ियों को लेकर आया था। ऐसा तो कभी नहीं हुआ।
उक्त पड़ोसी ने बताया कि हम वीआईपी बॉक्स में थे। वहां से भी हमें मेसी नहीं दिख पाए थे। फुटबॉल के भगवान मेसी ने उसी मैदान में सांस ली जहां हम सब उपस्थित थे, यहीं हमारे लिए बहुत बड़ी बात है। इलाके के एक और निवासी सौरीशा चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा कि वहां कोई योजना नहीं बनायी गयी थी। यहां सिर्फ स्वार्थी व्यक्ति की तरह ही व्यवहार किया गया। आम लोगों ने रुपए दिए थे और फायदा अमीरों ने लूटा।