चुनाव आयोग ने इसकी औपचारिक अधिसूचना 13 अक्टूबर को जारी करने का एलान किया है। उम्मीदवार 21 अक्टूबर तक नामंकन दाखिल कर सकेंगे। 23 अक्टूबर को जांच होगी और 27 अक्टूबर तक नाम वापसी की प्रक्रिया चलेगी। यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समर्थक विधायक कंवरलाल मीणा की विधायकी रद्द होने के बाद खाली हुई थी। कंवरलाल मीणा को एसडीएम पर पिस्टल तानने के 20 साल पूराने मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद मई में उनकी सदस्यता खत्म कर दी गयी थी। नियमों के अनुसार किसी सीट के खाली होने के 6 महीने के भीतर उपचुनाव करवाना अनिवार्य होता है।
कांग्रेस की ओर से इस सीट पर प्रमोद जैन भाया को फिर टिकट दिये जाने की चर्चा है। भाया, अंता क्षेत्र में पहले भी विधायक रह चुके हैं और संगठन में मजबूत पकड़ रखते हैं। वहीं पूर्व क्षेत्र नेता नरेश मीणा मुकाबले को दिलचस्प बना सकते हैं। नरेश मीणा, प्रमोद भाया के कट्टर विरोधी मान जाते हैं। अगर कांग्रेस भाया पर दांव लगाती है,तो नरेश मीणा के निर्दलीय उतरने की संभावना जताई जा रही है।
पिछले साल उन्होंने देवली-उनियारा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था जिसमें कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व के सामने उम्मीदवार चयन को लेकर पेचीदगी बढ़ सकती है। भाजपा में भी टिकट को लेकर रस्साकशी तेज है।