महाराष्ट्र : 2024 में मुंबई में 1.28 लाख से ज्यादा लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा, जिससे लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई और अधिकारियों ने आजाद घूमने वाले कुत्तों की आबादी को कंट्रोल करने के लिए उनकी नसबंदी और वैक्सीनेशन जैसे कदम उठाए। यह जानकारी उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को दी। राज्य विधान परिषद में लिखित जवाब के माध्यम से यह जानकारी दी गयी। इस बारे में एमएलसी सुनील शिंदे, वसंत खंडेलवाल, संदीप जोशी और अन्य सदस्यों ने सवाल उठाया था।
विधायकों ने मुंबई महानगरपालिका बीएमसी क्षेत्र और नागपुर में बढ़ते आवारा कुत्तों की समस्या पर चिंता जताई थी। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार एकनाथ शिंदे ने बताया कि 2024 में नागपुर में 9 हजार 400 से अधिक लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा।
पशु कल्याण बोर्ड के नियमों के अनुसार ह्यूमन सोसाइटी इंटरनेशनल के माध्यम से बीएमसी द्वारा किए गए सर्वे में यह सामने आया है कि मुंबई में आवारा कुत्तों की संख्या 2014 में 95 हजार 172 थी, जो 2024 में घटकर 90 हजार 757 हो गई है।
2024 में नागपुर महानगरपालिका क्षेत्र में 9 हजार 427 लोगों को और मुंबई में 128 हजार 252 लोगों को आवारा कुत्तों ने काटा। शिंदे ने बताया कि आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने के लिए नसबंदी, टीकाकरण और रेबीज उन्मूलन जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
नागरिकों की शिकायतों के समाधान के लिए एक स्वतंत्र ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि आक्रामक और रेबीज से पीड़ित कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाने हेतु जमीन की तलाश की जा रही है।
पिछले छह वर्षों में पूरे महाराष्ट्र में 30 लाख से अधिक कुत्तों के काटने के मामले सामने आए हैं। इसका मतलब है कि राज्य में हर दिन औसतन 1 हजार 369 लोग कुत्तों के काटने का शिकार हो रहे हैं। उपमुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 2021 से 2023 के बीच रेबीज के कारण 30 लोगों की मौत हो चुकी है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में कुत्तों के काटने के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है।