तिरुवनंतपुरमः केरल में पिछले एक दशक से सत्ता पर कब्जा बनाए रखने वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) के लिए शनिवार को हुए लोकल बॉडी चुनावों के नतीजे किसी चेतावनी से कम नहीं हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ (UDF) गठबंधन ने राज्य के छह कॉरपोरेशन, 16 जिला पंचायत, 87 नगरपालिकाओं, 152 ब्लॉक पंचायत और 941 ग्राम पंचायतों में जबरदस्त जीत हासिल की।
UDF ने छह कॉरपोरेशन में से चार-कोल्लम, कोच्चि, त्रिशूर और कन्नूर में जीत दर्ज की, जो 2020 में लेफ्ट के कब्जे में थे। नगरपालिकाओं में भी UDF की वापसी साफ दिखाई दी। कांग्रेस गठबंधन ने 86 नगरपालिकाओं में से 54 में जीत हासिल की, एर्नाकुलम, अलप्पुझा, मलप्पुरम, कोट्टायम और पलक्कड़ जिलों में विशेष मजबूती दिखाई।
BJP के लिए भी यह चुनाव ऐतिहासिक रहा। एनडीए ने शशि थरूर के निर्वाचन क्षेत्र तिरुवनंतपुरम कॉरपोरेशन पर कब्जा कर पहली बार केरल में कॉरपोरेशन जीतने का कीर्तिमान स्थापित किया। इसके अलावा, BJP ने पलक्कड़ और त्रिपुनिथुरा नगरपालिकाओं में भी जीत दर्ज की।
दूसरी ओर, LDF केवल कोझिकोड कॉरपोरेशन बचाने में सफल रहा। तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, कोझिकोड और कन्नूर जैसे अपने गढ़ों में सत्ता बनाए रखने के बावजूद कुल मिलाकर लेफ्ट पिछड़ गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि ये लोकल बॉडी चुनाव केरल में 2026 विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों के लिए सेमीफाइनल जैसे थे। सेमीफाइनल से मिले संकेत यह बता रहे हैं कि UDF फाइनल में जीत दर्ज कर सकता है। साथ ही यह साफ हो गया है कि केरल अब BJP के लिए भी सुलभ क्षेत्र बन चुका है।