IITF में बिहार की सांस्कृतिक छटा: प्रस्तावित सीता मंदिर की झांकी बनी आकर्षण का केंद्र

मिथिला कला, ऐतिहासिक धरोहरों और परंपरागत हस्तशिल्प के साथ ‘पुनौरा धाम जानकी मंदिर’ की डिजाइन ने खींची खूब नजरें

By श्वेता सिंह

Nov 24, 2025 17:15 IST

नई दिल्ली। प्रगति मैदान में चल रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (IITF) में बिहार पवेलियन इस बार अपनी अनूठी प्रस्तुति से खासा आकर्षण बटोर रहा है। पवेलियन के मंदिर-थीम वाले प्रवेश द्वार के बगल में सीतामढ़ी जिले में प्रस्तावित ‘पुनौरा धाम जानकी मंदिर’ का विशाल भित्ति-चित्र आगंतुकों का गर्मजोशी से स्वागत करता है।

पवेलियन का पूरा भीतरी भाग विश्वविख्यात मिथिला पेंटिंग की थीम पर आधारित है, जबकि बिहार के पर्यटन स्थलों और पारंपरिक व्यंजनों की झलक हर आयु वर्ग के लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। महाबोधि मंदिर से लेकर जल मंदिर की एक झलक एक ही नीचे देख पा रहे हैं।

बिहार टूरिज़्म के स्टॉल में लगी झांकी

गया का महाबोधि मंदिर (यूनेस्को विश्व धरोहर)

औरंगाबाद स्थित उमगा सूर्य मंदिर

रोहतास व कैमूर के झरने

पटना साहिब गुरुद्वारा

नालंदा का पावापुरी जल मंदिर

सभी को आकर्षक कलात्मक पैनलों के रूप में प्रदर्शित किया गया है।

पुनौरा धाम मंदिर की भव्य योजना पर सबकी नजरें

‘मां जानकी जन्मस्थली पुनौरा धाम’ शीर्षक के साथ मंदिर की डिजाइन को पवेलियन के कई हिस्सों में प्रमुख रूप से दर्शाया गया है। बिहार टूरिज़्म की कर्मचारी नीलम कुमारी बताती हैं कि “सिंहस्थली के रूप में प्रसिद्ध यह स्थान माता सीता का जन्मस्थान माना जाता है। अब यहां विशाल मंदिर बनने जा रहा है, इसलिए इसकी झांकी दिखाई जा रही है।”

मंदिर की बड़ी डिजाइन के साथ छठ पूजा की एक स्त्री के ‘अर्घ्य’ अर्पण का चित्र भी रखा गया है। पृष्ठभूमि में दिवंगत लोक गायिका शारदा सिन्हा के छठ गीत माहौल को और भावपूर्ण बना रहे हैं।

अमित शाह ने किया था मंदिर का शिलान्यास

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगस्त में पुनौरा धाम जानकी मंदिर की आधारशिला रखी थी। 67 एकड़ में फैले इस मंदिर परिसर को अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है।

IITF में इसकी प्रस्तुति उस समय हो रही है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को अयोध्या में राम मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर पर भगवा ध्वज फहराने वाले हैं।

धार्मिक धरोहर और राजनीतिक संदर्भ एक साथ

अयोध्या और सीतामढ़ी—दोनों ही स्थान हिंदू आस्था के केंद्र हैं और राम-सीता से जुड़े होने के कारण इनका विशेष धार्मिक महत्व है। राम मंदिर निर्माण, 2020 में भूमि पूजन और 2024 में हुई प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह मुद्दा केंद्र राजनीति में भी प्रमुख रहा है।

2025 के बिहार चुनावों की पृष्ठभूमि में सत्ताधारी एनडीए ने मंदिर मुद्दे को तेज किया और चुनाव से पहले ही जानकी मंदिर का शिलान्यास कर संदेश देने की कोशिश की।

बिहार में एनडीए की वापसी के बाद पवेलियन में विकास की झलक

14 नवंबर को शुरू हुए इस साल के ट्रेड फेयर के दिन ही बिहार चुनाव परिणाम आए, जिसमें एनडीए ने भारी जीत दर्ज की और नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री बने।

पवेलियन में बिहार म्यूजियम, पुरातात्विक धरोहर दिदारगंज यक्षी की प्रतिकृति और मिथिला पेंटिंग आधारित वस्त्रों के अनेक स्टॉल भी मौजूद हैं।

पेटर्निटी कॉरिडोर से पटना मेट्रो जैसे विकास कार्यों की प्रदर्शनी

पवेलियन के एक अन्य प्रवेश द्वार पर गया के महाबोधि मंदिर का प्रतिरूप बना है जबकि आसपास की दीवारों पर विश्व शांति स्तूप (राजगीर) और पटना मेट्रो को दर्शाया गया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 6 अक्टूबर को पटना मेट्रो के पहले 3.45 किमी एलिवेटेड सेक्शन का उद्घाटन किया था।

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