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लक्ष्य लॉस एंजेल्स ओलंपिक्स, सेवानिवृत्ति के फैसले से विनेश का यू-टर्न

शुक्रवार को अपनी सोशल मीडिया पर पोस्ट करके विनेश ने अपनी सेवानिवृत्ति के फैसले से वापसी की घोषणा की।

By नवीन पाल, Posted by: लखन भारती

Dec 12, 2025 13:46 IST

रिटायरमेंट के फैसले से कुश्ती खिलाड़ी विनेश फोगट ने यू-टर्न लिया। 12 दिसंबर को इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके उन्होंने रिटायरमेंट तोड़कर वापसी की घोषणा की। इसके पीछे कारण के रूप में उन्होंने बताया कि यह फैसला 2028 के लॉस एंजेलेस ओलंपिक्स में खेलने के लिए है। 2024 के पेरिस ओलंपिक्स में उन्हें विवाद का सामना करना पड़ा था, केवल 100 ग्राम वजन के कारण उनका पदक छूट गया था। अब लॉस एंजेलेस में खेलकर वह उस खेद को पूरा करना चाहते हैं।

पेरिस ओलंपिक्स में पदक चूकने के बाद उन्होंने प्रोफेशनल कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला बताया। उन्हें कई समुदायों से आग्रह किया गया कि वे अपने संन्यास के फैसले से वापस लौटें लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। हरियाणा विधान सभा चुनाव में लड़कर विधायक बने और इसके बाद वे माँ बनीं। इस बार उन्होंने संन्यास के फैसले से वापस लौटकर सभी को चकित कर दिया।

विनेश ने क्या लिखा ?

सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा, 'सब लोग मुझसे पूछ रहे थे कि क्या पैरिस मेरे करियर का अंत है। लंबे समय तक मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं था। कुछ समय के लिए मुझे मैट से दूर रहने की जरूरत थी। बहुत दबाव और उम्मीदें थीं। मैंने अपने सफर के महत्व को समझने, दिल टूटने और त्याग को समझने के लिए समय लिया। मैंने अपने आप का एक ऐसा पहलू देखा जिसे मैंने कभी नहीं देखा। उसे देखने के बाद मैंने समझा कि मैं अभी भी खेल से प्यार करता हूं। मैं अभी भी लड़ना चाहता हूं। मैं चाहे मैट से जितना भी दूर जाऊँ, मेरा एक हिस्सा हमेशा मैट पर रहेगा। इसलिए मैं LA28 (लॉस एंजेलेस ओलंपिक) के लिए वापस आया। लेकिन इस बार मैं अकेला नहीं हूँ, मेरा बच्चा भी मेरे साथ जुड़ रहा है।'

ओलंपिक्स में बिनेश फोगट की यात्रा

2016 में बिनेश फोगट ने ओलंपिक्स में अपनी यात्रा की शुरुआत की। उस बार वह अपने घुटने में चोटिल हुईं और ओलंपिक्स के मध्य में हट गईं। 2021 में उन्होंने टोक्यो ओलंपिक्स में भाग लिया लेकिन क्वार्टर फाइनल में हार गईं। पेरिस ओलंपिक्स में वह फॉर्म में थे और पदक के दावेदार भी। महिला 50 किलो वर्ग में फाइनल में प्रवेश किया लेकिन फाइनल के दिन सुबह वह 100 ग्राम वजन के कारण फाइनल से चूक गए। इस प्रकार वे फाइनल में तो नहीं उतर पाए और जिस कांस्य पदक की संभावना थी वह भी हाथ से निकल गया।

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