तेनजिंग नॉर्गे–एडमंड हिलेरी ने एवरेस्ट शिखर पर पहली बार 1953 में चढ़ाई की।
हाल ही में सुशुनिया पहाड़ पर रॉक क्लाइम्बिंग को लेकर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसे संयुक्त रूप से द पहारिया ग्रुप, आईएमएफ के ईस्ट जोन, पश्चिम बंगाल युवा कल्याण विभाग की पर्वतारोहण शाखा और वेस्ट बंगाल माउंटेनियर्स एंड ट्रेकर्स एसोसिएशन ने आयोजित किया। 56 वरिष्ठ पर्वतारोहियों और पर्वत प्रेमियों का सम्मान किया गया।
इस कार्यक्रम का आयोजन करने का कारण बंगाल में पहले रॉक क्लाइम्बिंग कोर्स की 60वीं वर्षगांठ है। टेनजिंग नॉरगे–एडमंड हिलेरी ने 1953 में एवरेस्ट शिखर पर पहली बार चढ़ाई की। उसके सात साल बाद भारत में पहले नागरिक सफल अभियान का नेतृत्व करते हुए (1960) एक बांग्ला स्कूल शिक्षक सुकुमार राय नंदाघुंटी शिखर पर चढ़ाई करने में सक्षम हुए थे।
इसके बाद ही बंगालियों में पहाड़ पर चढ़ने की इच्छा और बढ़ गई। बंगाली युवाओं को पर्वतारोहण सिखाने की जिम्मेदारी सुकुमार ने ही ली। स्थानीय लोगों के साथ मिलकर उन्होंने बांकुड़ा के सुशुनिया पहाड़ को रॉक क्लाइम्बिंग के लिए उपयुक्त बनाने का प्रयास किया। 1965 में पहला रॉक क्लाइम्बिंग कोर्स आयोजित किया गया। उसी की 60वीं वर्षगांठ मनाई गई है।