एई समय : स्टेशन परिसर में अक्सर चोरी, छीनतई जैसी कई अपराधिक घटनाओं की शिकायतें मिलती रहती हैं। इसलिए स्टेशन परिसर में अपराध को रोकने के लिए रेलवे अब नई तकनीक शुरू करने जा रहा है। गुरुवार को मालदह डिवीजन में आरपीएफ अधिकारियों के साथ पूर्व रेलवे के आरपीएफ आईजी और प्रिंसिपल चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर अमियनंदन सिन्हा पहुंचे थे।
वहां से उन्होंने मालदह टाउन स्टेशन में फेशियल रिकग्निशन सॉफ्टवेयर या एफआरएस शुरू करने की घोषणा की। हालांकि इसे अभी नहीं बल्कि दुर्गा पूजा के बाद शुरू करने की तैयारी है।
फेशियल रिकग्निशन सॉफ्टवेयर या एफआरएस कैसे काम करेगा? मुख्य रूप से अपराधियों के चेहरे को पहचानने के लिए इस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाएगा। रेलवे के रिकॉर्ड में जो अपराधी हैं, जो किसी न किसी अपराध में आरपीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए हैं, उन्हें एफआरएस पहचान लेगा।
जब भी वे मालदह टाउन स्टेशन परिसर में प्रवेश करेंगे, तब उनके चेहरे एफआरएस में कैद हो जाएंगे। तुरंत आरपीएफ के कंट्रोल रूम में संदेश चला जाएगा। आरपीएफ उन पर नजर रखने के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर पूछताछ भी करेगा।
अमियनंदन सिन्हा ने बताया कि स्टेशन परिसर में फिर से किसी भी तरह का अपराध न हो, इसके लिए ही इस तकनीक का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस साल में अब तक 23 चोरी की घटनाएं घट चुकी हैं। उनमें से हमने 21 मामलों को सुलझाकर आरोपियों को पकड़ा भी है। इस साल में अब तक हमने 8455 अपराधियों को पकड़ा है।
पिछले साल की तुलना में यह संख्या काफी अधिक है। सीसीटीवी के साथ-साथ ड्रोन की भी व्यवस्था होगी। जहां पर आरपीएफ नहीं जा सकेगा वहां ड्रोन की व्यवस्था की जाएगी। इससे पहले जहां चोरी की घटनाएं हुई थीं, वहां अधिक सीसीटीवी लगाए गए हैं। इस समय हम तकनीकों की अधिक मदद लेना चाहते हैं।
रेलवे की ओर से बताया गया है कि दुर्गा पूजा के बाद मालदह टाउन स्टेशन पर यह पद्धति शुरू की जाएगी। धीरे-धीरे पूर्व रेलवे के अधिकांश स्टेशनों में यह पद्धति शुरू की जाएगी। रेलवे के अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि इससे रेलवे में सुरक्षा सुनिश्चित होगी।