एई समय : दुर्गापूजा से पहले वेतन नहीं मिला है। इस वजह से मालदह मेडिकल कॉलेज के अस्थायी स्वास्थ्यकर्मियों ने काम बंद कर आंदोलन शुरू कर दिया है। इस वजह से सोमवार की सुबह से ही चिकित्सा सेवाएं बाधित हो गई। एक निजी संस्था इन स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति करती है। सेवाओं के बाधित होने पर सोमवार को जल्दबाजी में मालदह मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उस संस्था से बात की और कर्मचारियों से हड़ताल वापस लेने का अनुरोध किया।
सप्ताह के पहले दिन से ही मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्था शुरू हो गई। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि लंबे समय से उनका वेतन बकाया है। यहां तक कि दुर्गा पूजा से पहले उन्हें बोनस भी नहीं दिया जा रहा है। जिस संस्था ने कर्मचारियों की नियुक्ति की है, मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उनसे बार-बार बात की है लेकिन कोई समाधान नहीं निकलता दिखाई नहीं दे रहा है।
मालदह मेडिकल के एक अस्थायी स्वास्थ्यकर्मी का कहना है कि हमें लगभग दो महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। बार-बार मांग करने के बावजूद कोई ध्यान नहीं दे रहा है। हम सभी के परिवार हैं, दुर्गा पूजा से पहले वेतन नहीं मिलेगा तो बच्चों को क्या देंगे? उन्होंने कहा कि मजबूरी में ही बकाया वेतन और बोनस की मांग को लेकर काम बंद करके आंदोलन में बैठना पड़ा है।
मालदह मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक निजी संस्था के माध्यम से 177 अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। मालदह मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हाउसकीपिंग, वार्ड बॉय, वार्ड गर्ल और सुरक्षा पदों पर वे नियुक्त हैं। आरोप है कि उन्हें पिछले कुछ महीनों से नियमित वेतन नहीं दिया जा रहा है। लंबे समय से यह समस्या चल रही है। दुर्गा पूजा के महीने में अब तक वेतन नहीं मिलने से इन कर्मचारियों को परेशानी हो रही है। पहले संस्था की ओर से 15 सितंबर को बकाया वेतन देने की बात कही गई थी। लेकिन कर्मियों को अभी भी वेतन नहीं दिया गया है।
स्थिति बिगड़ती देख सोमवार को ही संबंधित संस्था से मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बात की। मालदह मेडिकल कॉलेज के उप-प्राचार्य प्रसेनजीत बोर ने कहा कि हमने आज ही उस संस्था से बात की है। उन्होंने बैंक में वेतन जमा कर दिया है। आज-कल में ही सभी के खातों में पहुंच जाएगा। इसके अलावा आगामी 25 तारीख तक बोनस दे दिया जाएगा। संबंधित कंपनी का कोई प्रतिनिधि मीडिया के सामने कुछ भी कहने को तैयार नहीं हुआ।