नयी दिल्लीः विपक्ष SIR मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ा रहा है। सोमवार को शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहीं न कहीं उस दबाव को कम करने की कोशिश की। उन्होंने हमले के जवाब में और कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए विपक्ष से कहा, 'ज़्यादा नाटक मत करें। संसद में काम करके दिखाएं। यह आपकी निराशा दिखाने की जगह नहीं है।' बिहार में NDA की बड़ी जीत पर भी मोदी ने खुशी जताई।
हर बार की तरह, सत्र शुरू होने से पहले मोदी संसद परिसर में पत्रकारों से मुखातिब हुए। वह किसी सवाल का जवाब नहीं देते, केवल अपना वक्तव्य रखते हैं। आज भी शुरुआत से ही वह विपक्ष पर तीखा हमला करते नज़र आए। रविवार की सर्वदलीय बैठक से ही अंदाज़ा हो गया था कि शीतकालीन सत्र गरम रहने वाला है। दिल्ली विस्फोट, वायु प्रदूषण सहित कई मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है- खासकर SIR के मुद्दे पर। समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव तो यह धमकी तक दे चुके हैं कि यदि मतदाता सूची में विशेष संशोधन पर चर्चा नहीं हुई तो वे संसद को ठप कर देंगे। आज मोदी ने उसी का जवाब दिया।
शुरुआत में ही बिहार में NDA की बड़ी जीत का ज़िक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह जीत कई लोगों को हज़म नहीं हो रही। लेकिन वह खुश हैं। उनके अनुसार 'बिहार ने दिखा दिया कि लोकतंत्र किसे कहते हैं।' बिहार चुनाव में भारी मतदान और खासकर महिलाओं की सक्रिय भागीदारी में उन्होंने आशा की किरण देखी।
लेकिन विपक्ष इससे निराश है। मोदी ने कहा, 'संसद निराशा दिखाने की जगह नहीं है। विपक्षी दलों को अपनी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए। देश के महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाएं। फिर हल्का व्यंग्य करते हुए बोले, 'दुर्भाग्य की बात है कि आप हार स्वीकार नहीं कर पा रहे। आपको यह हज़म नहीं हो रहा। हार की निराशा से बाहर आइए।' मोदी का साफ संदेश था, 'संसद आपके गुस्सा निकालने की जगह नहीं बननी चाहिए।' इसी संदर्भ में उन्होंने कहा, 'ज़्यादा नाटक मत करें, काम करके दिखाएं।’
मोदी सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि विपक्ष चाहे जितना भी ज़ोर लगाए SIR पर संसद में कोई चर्चा नहीं होगी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि यह चुनाव आयोग द्वारा संचालित एक प्रशासनिक प्रक्रिया है। इसका केंद्र सरकार से कोई संबंध नहीं। साथ ही चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, इसलिए सरकार की ओर से उसके काम पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।