नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने स्कूल शिक्षकों को एक नया काम सौंपा है। ‘डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन’(DoE) ने हाल ही में यह निर्देश जारी किया है। इसके अनुसार सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों से नोडल ऑफिसर नियुक्त करना होगा, जो आवारा कुत्तों की गिनती का काम करेंगे।
इस काम के लिए चिन्हित शिक्षक का नाम और अन्य विवरण संबंधित विभाग में जमा करना होगा। यह जानकारी दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव के कार्यालय को भेजी जाएगी। DoE ने कहा कि यह काम आम जनता की सुरक्षा से जुड़ा है। यह निर्देश 7 नवंबर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश और 20 नवंबर की बैठक के बाद जारी किया गया है। इस काम को ‘टॉप प्रायरिटी’ माना गया है। सरकारी और निजी स्कूल दोनों के शिक्षक इसमें शामिल हो सकते हैं।
शिक्षकों की प्रतिक्रिया है कि दिल्ली के शालीमार बाग स्थित सरकारी स्कूल की शिक्षिका ऋतु सैनी ने कहा कि हमें इस नए काम के बारे में पिछले सप्ताह ही जानकारी दी गई। हमें चुनने का मौका नहीं दिया गया कि हम यह काम करना चाहते हैं या नहीं। शिक्षक संगठनों ने इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है। ‘सरकारी स्कूल शिक्षक संगठन’ के सदस्य कृष्णा फोगट ने कहा कि हम शिक्षा मंत्री को इसके खिलाफ पत्र भेजेंगे। अगर शिक्षक आवारा कुत्तों की गिनती करेंगे तो उनका नियमित काम कौन करेगा? संगठन ने यह भी सवाल उठाया कि पशुपालन, वन और अन्य विभाग के कर्मचारियों को क्यों इस काम में नहीं लगाया गया? सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 7 नवंबर को आदेश दिया था कि आवारा कुत्तों को स्कूल, अस्पताल और अन्य सार्वजनिक संस्थानों से हटाया जाए।