नई दिल्ली: भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक और अहम कदम उठाने जा रहा है। केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने बताया कि AI इम्पैक्ट समिट का आयोजन 15 से 20 फरवरी के बीच भारत मंडपम, नई दिल्ली में किया जाएगा। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दुनिया भर के 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों की भागीदारी प्रस्तावित है।
प्रधानमंत्री की अहम भूमिका, सीईओ राउंडटेबल भी होगा
प्रेस वार्ता में एस. कृष्णन ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समिट के एक्सपो का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री के सीईओ राउंडटेबल को संबोधित करने और समिट के दौरान एक औपचारिक रात्रिभोज की मेजबानी करने की भी संभावना है। सरकार को उम्मीद है कि इस आयोजन में 15 से 20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष या सरकार प्रमुख भी शामिल होंगे। इनमें फ्रांस समेत कई प्रमुख देशों के शीर्ष प्रतिनिधियों की मौजूदगी तय मानी जा रही है।
तकनीकी जगत के दिग्गजों की शिरकत तय
AI इम्पैक्ट समिट में तकनीक और नवाचार की दुनिया के कई बड़े नामों ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि कर दी है। इनमें प्रमुख रूप से बिल गेट्स शामिल हैं। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके अलावा जिन वैश्विक एआई लीडर्स ने आने की सहमति दी है, उनमें डीपमाइंड टेक्नोलॉजीज़ के सीईओ डेनिस हासाबिस, एंथ्रोपिक की सीईओ दारिया मोडी, एडोबी के सीईओ शांतनु नारायण, सेल्सफोर्स के सीईओ मार्क बेनिओफ, क्वालकॉम के सीईओ क्रिस्टियानो आमोन और फेडएक्स के सीईओ राज सुब्रमण्यम जैसे नाम शामिल हैं।
समिट में दुनिया भर से सैकड़ों मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नीति विशेषज्ञ, शिक्षाविद, शोधकर्ता और विचारक हिस्सा लेंगे।
136 देशों से हजारों रजिस्ट्रेशन
एस. कृष्णन ने बताया कि भारत ने लगभग 140 देशों को निमंत्रण भेजे थे, जिनमें से अब तक 136 देशों से 15,500 से अधिक पंजीकरण प्राप्त हो चुके हैं। खास बात यह है कि इनमें से 76 देश ग्लोबल साउथ से हैं, जो यह दर्शाता है कि विकासशील देशों के लिए भारत एआई के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मंच बनता जा रहा है। सरकार के अनुसार, इस समिट का मकसद केवल तकनीकी चर्चा तक सीमित नहीं रहेगा। इसका उद्देश्य एआई के जरिये अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों के लिए व्यावहारिक और प्रभावी समाधान तैयार करना है।
विशेष रूप से जिन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, उनमें स्वास्थ्य सेवाएं, कृषि, शासन प्रणाली, शिक्षा और विनिर्माण शामिल हैं।
‘लोग, पर्यावरण और प्रगति’ होंगे समिट के मूल स्तंभ
AI इम्पैक्ट समिट को तीन मार्गदर्शक सिद्धांतों-लोग (पीपल), पर्यावरण (प्लैनेट) और प्रगति (प्रोग्रेस)-पर आधारित किया गया है। इन सिद्धांतों के जरिए यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी कि एआई मानव हित में काम करे। इसके साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा में योगदान दे और समावेशी विकास को आगे बढ़ाए। इन मूल सिद्धांतों को सात विषयगत कार्य समूहों (चक्रों) के माध्यम से लागू किया जाएगा जो एआई के वैश्विक प्रभाव के विभिन्न पहलुओं पर काम करेंगे।
एस. कृष्णन के अनुसार, समिट का उद्देश्य केवल नीतिगत घोषणाओं तक सीमित रहना नहीं है। एआई से जुड़े वैश्विक विमर्श को मापने योग्य और व्यावहारिक परिणामों तक ले जाना भी प्राथमिकता में शामिल है। सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि एआई तकनीक के लाभ दुनिया के सभी हिस्सों तक समान रूप से पहुंचें और विकास के नए अवसर पैदा हों।