नयी दिल्लीः एयर इंडिया एक बार फिर सवालों के घेरे में है। आरोप है कि एयरलाइन का एक एयरबस 320 NEO विमान बिना वैध उड़ान योग्य सर्टिफिकेट के आठ रूटों पर यात्रियों को लेकर उड़ान भर रहा था। सूत्रों के अनुसार इस मामले की जांच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय(डीजीसीए) ने शुरू कर दी है।
एयर इंडिया के जिन अधिकारियों पर शुरुआती तौर पर लापरवाही का संदेह है, उन्हें अस्थायी रूप से ड्यूटी से हटा दिया गया है। डीजीसीए ने उस विमान को तुरंत उड़ान से रोकने करने का आदेश दिया है। सूत्रों के मुताबिक, एयर इंडिया ने भी इस मामले में अपनी आंतरिक जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इतनी बड़ी चूक कैसे हुई और आगे ऐसा दोबारा न हो, इसके लिए क्या कदम उठाए जाएं।
गौरतलब है कि 26 नवंबर को डीजीसीए को इस गंभीर अनियमितता की जानकारी मिली। पता चला कि एक विशेष विमान बिना एयरवर्दिनेस रिव्यू सर्टिफिकेट (एआरसी) के उड़ रहा था। यह एआरसी साल में एक बार जारी किया जाता है। इसके लिए विमान की बॉडी और सभी उपकरणों की मेंटेनेंस की गहन जांच की जाती है। जानकारी के अनुसार, जून 2024 में विस्तारा एयरलाइंस का एयर इंडिया में विलय हुआ था। उस समय विस्तारा के 70 विमान एयर इंडिया में शामिल हुए। इनमें से 69 विमानों के एआरसी को डीजीसीए ने नवीनीकृत कर दिया था, लेकिन एक विमान में इंजन बदलने का काम शुरू था।
इंजन बदलने की प्रक्रिया के दौरान उस विमान के एआरसी की अवधि खत्म हो गई। आरोप है कि इंजन बदलने के बाद इंजीनियरों की क्लियरेंस तो ले ली गई, लेकिन एआरसी नवीनीकरण किए बिना ही विमान को फिर से उड़ाना शुरू कर दिया गया। बाद में एयर इंडिया ने खुद यह जानकारी डीजीसीए को दी।