ज्वालामुखी (Volcano) दुनिया की सबसे अधिक रहस्यमय चीजों में से एक होती है। इतिहास में भी ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से कई बार इंसानी बस्तियों का नामों निशान मिट चुका है। दुनिया भर में ऐसी कई ज्वालामुखियां हैं जिनके बारे में यह माना जाता है कि वह मृत अथवा सुप्त हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि 100, 200 या 10000 सालों में इन ज्वालामुखी में विस्फोट नहीं हुआ है तो ये भविष्य में नहीं जागेंगी। हाल ही में इथियोपिया में ज्वालामुखी विस्फोट हुआ है जो लगभग 10 हजार साल बाद जागा बताया जाता है।
आइए दुनिया भर में मौजूद ऐसी कुछ ज्वालामुखी के बारे में जान लेते हैं जो हजारों सालों बाद अचानक जाग उठी हैं -
अटरंकु ज्वालामुखी (Uturuncu Volcano) - बोलिविया के एंडीस में मौजूद इस ज्वालामुखी को जॉम्बी वॉल्कैनो के नाम से भी जाना जाता है। बताया जाता है कि पिछले 2,50,000 सालों से यह ज्वालामुखी सोयी हुई है। लेकिन वैज्ञानिकों ने इसके केंद्र में सक्रियता की हल्की हलचल देखी है।
पिछले लंबे समय से जब इसकी निगरानी की गयी तो पता चला कि ज्वालामुखी का केंद्र ऊपर की ओर हल्का उठता जा रहा है और आसपास के किनारे नीचे धंस रहा है। शोध में पता चला है कि ज्वालामुखी से गर्म गैस भी उत्सर्जित हो रही हैं लेकिन अभी तक इसमें से मैग्मा निकलने के चिन्ह दिखाई नहीं दिये हैं।
माउंट पेले (Mount Pelée) - सेंट पियरे में मौजूद यह ज्वालामुखी में आखिरी बार 1902 में विस्फोट हुआ था। उस समय ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से 30 हजार से अधिक जानें चली गयी थी। अब एक बार फिर से इस ज्वालामुखी के जागने के संकेत दिखाई दे रहे हैं। इस वजह से वैज्ञानिक भी सतर्क हो चुके हैं।
तफ्तान ज्वालामुखी (Taftan Volcano) - इरान में स्थित यह ज्वालामुखी मृत मानी जा रही थी लेकिन करीब 7,00,000 सालों तक सुप्त रहने के बाद यह अचानक जाग उठी। हाल ही में कई शोध में सामने आया है कि इस ज्वालामुखी के जागने के चिन्ह अब दिखाई दे रहे हैं।
सियोमादूल (Ciomadul) - रोमानिया में मौजूद इस ज्वालामुखी को भी मृत ही मान लिया गया था। इस ज्वालामुखी में आखिरी बार 30 हजार साल पहले विस्फोट हुआ था। हालांकि ज्वालामुखी के केंद्र में मैग्मा की मौजूदगी के निशान मिले हैं, जिससे संभावना जतायी जा रही है कि भविष्य में इसमें दोबारा विस्फोट हो सकता है।
बोल्शाया उदिना (Bolshaya Udina) - रुस के कमचटका पेनिनसुला में मौजूद यह ज्वालामुखी किसी समय मृत घोषित कर दी गयी थी। लेकिन साल 2010 के बाद से इसमें थोड़ी-थोड़ी हलचल दिखाई दे रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि भूकम्प की वजह से यह ज्वालामुखी एक बार फिर सक्रिय हो गयी है। इससे पता चलता है कि जिन ज्वालामुखी में अतित में विस्फोट की खबरें सामने नहीं आयी थी उनमें अचानक कोई संकेत दिए बिना ही विस्फोट हो जाता है।