जम्मू-कश्मीर का एक मनोरम हिल स्टेशन पटनीटॉप जो अपनी सुन्दरता की वजह से साल के हर समय बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता था। इस साल अप्रैल में पहलगाम में आतंकी हमले के बाद मानो जम्मू-कश्मीर के पर्यटन व्यवसाय को किसी की बुरी नजर ही लग गयी थी। लेकिन क्रिसमस और नववर्ष के मौके पर एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर का पटनीटॉप पर्यटकों से गुलजार हो गया है।
पर्यटकों की संख्या बढ़ने से यहां के होटल व रेस्तरां व्यवसायियों में भी उम्मीद जगी है कि पहलगाम हमले के बाद से जो मंदी छायी हुई थी अब वह दूर हो जाएगी। ANI की रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी संख्या में पर्यटक इस समय शहर के भीड़भाड़ से दूर शांति और सुकून की तलाश में जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी शहरों का रूख कर रहे हैं।
व्यवसायियों की बढ़ी उम्मीदें
इस बारे में रामबन में होटल व्यवसाय से जुड़े महेश्वर ने उम्मीद जताते हुए कहा कि घाटी में पर्यटकों का फुटफॉल बढ़ने से आर्थिक विकास होने की उम्मीद भी जगी है। उसका कहना है कि पहलगाम हमले ने हमारा काम ही खत्म कर दिया था। पहले यहां तक आने के लिए 2 ट्रेनें ही थी लेकिन अब यहां 4 ट्रेनें आती हैं। इसलिए उम्मीद है कि हमारा काम भी अब बढ़ेगा। क्रिसमस और नववर्ष के मौके पर हमें थोड़ी राहत जरूर मिलेगी।
कुछ इसी तरह की बात रामबन में कैफे चलाने वाले कुमार ने भी कही जिसका पिछले 8-9 महीनों से धंधा पूरी तरह से चौपट हो गया था। उसका कहना है कि पहले पहलगाम हमला और बाद में भूस्खलन की घटना ने हमारी कमर ही तोड़ दी थी। इसलिए हमें उम्मीद है 25 दिसंबर और 31 दिसंबर के बाद हमारा काम दोबारा शुरू हो सकेगा। साथ ही उसने कहा कि भगवान से प्रार्थना है कि सबका काम अच्छा चले।
पर्यटक कर रहे हैं एंजॉय
पटनीटॉप में घूमने पहुंचे बड़ी संख्या में पर्यटक वहां के शांत माहौल और सुकून भरे वातावरण को एंजॉय कर रहे हैं। गाजियाबाद से पटनीटॉप घूमने आए देवांश ने कहा कि हम यहां गाजियाबाद के प्रदूषण से बचने के लिए आए हैं। यहां बहुत ठंड है और हम इसे एंजॉय भी कर रहे हैं। देवांश ने बताया कि हम क्रिसमस और नववर्ष को जम्मू और कश्मीर में ही बिताने की योजना बना रहे हैं। वहीं कटरा से आयी पर्यटक मीना शर्मा ने पटनीटॉप की प्राकृतिक सुन्दरता को जी भरकर अपने मन में बसा लेना चाहती हैं।
इन्होंने कहा कि साल 2025 ने इस जगह पर दर्द भरे चिन्ह ही छोड़े हैं इसके बावजूद उन्हें यहां घूमना-फिरना बहुत अच्छा लग रहा है। ANI से हुई बातचीत में मीना शर्मा ने कहा कि यहां की प्राकृतिक सुन्दरता बेमिसाल है। इस साल कई दर्दनाक हादसे हुए जैसे पहलगाम हमला, विमान दुर्घटना आदि। इसके बावजूद हम क्रिसमस और नववर्ष की छुट्टियां मनाने के लिए यहां आ गए हैं।
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि पुरानी कड़वाहट वाली यादों को पीछे छोड़ते हुए एक बार फिर से कश्मीर घाटी में पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगी है।