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हार्ट अटैक या स्ट्रोक से पहले ये चेतावनी संकेत नजरअंदाज न करें

धमनी ब्लॉकेज को कई बार ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है। चिकित्सा विज्ञान में इसे Atherosclerosis कहा जाता है।

By अंकिता दास, Posted by: प्रियंका कानू

Dec 29, 2025 15:35 IST

अत्यधिक ठंड के कारण शरीर में रक्त संचार प्रभावित होता है। इससे हृदय तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। जिन लोगों की हृदय की धमनियां संकीर्ण हैं या जिनमें किसी प्रकार का प्लाक या ब्लॉकेज मौजूद है, उनके लिए खतरा अधिक होता है।WHO के अनुसार, दुनिया भर में हर साल लगभग 17.9 मिलियन लोग हृदय संबंधी रोगों के कारण मौत का सामना करते हैं।

ब्लॉकेज कैसे होता है?

जब धमनियों की लोच कम होती है और उनकी अंदरूनी दीवार पर वसा जैसी सामग्री जमा होने लगती है तो रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है। शुरुआती चरण में विशेष लक्षण दिखाई नहीं देते। सबसे पहले धमनियों की लाइनिंग क्षतिग्रस्त होती है। इसके बाद सूजन (इन्फ्लेमेशन) से यह क्षति बढ़ती है। खून में खराब कोलेस्ट्रॉल या वसा धमनियों की दीवार पर जमने लगता है और धमनियों का रास्ता धीरे-धीरे संकुचित होने लगता है।

कौन जोखिम में है?

जिन लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या है, उन्हें सतर्क रहना चाहिए।

जिनके खून में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) अधिक है, उन्हें भी ब्लॉकेज का खतरा रहता है।

अगर आपको लंबे समय से डायबिटीज़ है, तब भी सावधानी बरतनी जरूरी है।

इसके अलावा, जिन लोगों को मेटाबॉलिक या चयापचय संबंधी समस्या है, उन्हें भी विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। जो लोग नियमित रूप से धूम्रपान या शराब का सेवन करते हैं, उन्हें भी सावधान रहना जरूरी है। कई परिवारों में हार्ट अटैक या स्ट्रोक का पारिवारिक इतिहास होता है। एक उम्र के बाद ऐसे लोगों को नियमित जांच कराते रहना चाहिए। इसके अलावा, लंबे समय तक सूजन (क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन) या अन्य इन्फेक्शन की समस्या होने पर भी धमनियों को नुकसान हो सकता है।

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