🔔 ताज़ा ख़बरें सबसे पहले!

Samachar EiSamay की ब्रेकिंग न्यूज़, राजनीति, खेल, मनोरंजन और बिज़नेस अपडेट अब सीधे आपके पास।

अंतरिक्ष यात्रा से पहले क्यों निकलवाए जाते हैं अक्ल दांत? ISS पहुंचे एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला का खुलासा

By राखी मल्लिक

Dec 25, 2025 19:05 IST

अंतरिक्ष यात्रियों के लिए दंत स्वास्थ्य बेहद महत्वपूर्ण होता है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचने वाले पहले भारतीय शुभांशु शुक्ला ने यह बात कही और बताया कि अंतरिक्ष यात्रा की तैयारी के दौरान उनके दो अक्ल दांत (विज़डम टीथ) निकलवाए गए थे।

शुक्ला ने कहा कि हालांकि अंतरिक्ष यात्रियों को आपातकालीन चिकित्सा स्थितियों से निपटने का प्रशिक्षण दिया जाता है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने बुधवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बताया कि अंतरिक्ष यान में दंत शल्य चिकित्सा करना संभव नहीं होता।। इस अवसर पर उनके साथ ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप भी मौजूद थे, जिन्हें भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के लिए चुना गया है। नायर ने बताया कि भारतीय वायुसेना (IAF) के टेस्ट पायलट अंतरिक्ष यात्राओं के लिए स्वाभाविक विकल्प क्यों होते हैं।

ग्रुप कैप्टन शुक्ला IAF के अधिकारी और टेस्ट पायलट हैं। उन्होंने इस वर्ष की शुरुआत में Axiom-4 मिशन के तहत अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा पूरी की। यह एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष मिशन था, जिसे ISRO और NASA का समर्थन प्राप्त था और Axiom Space द्वारा संचालित किया गया।

उन्होंने बताया कि चयन प्रक्रिया के दौरान कई संभावित अंतरिक्ष यात्रियों के दांत निकलवाए गए। अक्ल दांत विशेष रूप से अंतरिक्ष प्रशिक्षण से पहले निकाले जाते हैं ताकि उड़ान के दौरान किसी तरह की समस्या न हो। शुक्ला ने कहा कि नायर के तीन और प्रताप के चार दांत निकाले गए। मजाकिया अंदाज में शुक्ल ने कहा कि अगर आप अंतरिक्ष यात्री बनना चाहते हैं, तो आपको अपनी अक्ल छोड़नी होगी।

उन्होंने यह भी बताया कि गगनयान मिशन के लिए चुने गए IAF पायलटों को कई मानसिक और शारीरिक परीक्षणों से गुजरना पड़ा। 2019 के अंत में उन्हें रूस भेजा गया, जहां रूसी डॉक्टरों ने भी उनकी चिकित्सीय जांच की। ग्रुप कैप्टन प्रताप ने बताया कि अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों ने भी अंतरिक्ष मिशनों के लिए टेस्ट पायलटों को ही चुना है। IAF में हर साल 200 पायलट आवेदन करते हैं, जिनमें से केवल 5 को टेस्ट पायलट चुना जाता है। गगनयान के लिए 75 में से सिर्फ 4 का चयन हुआ।

Prev Article
रात-दर-रात जाग रहे हैं? क्या आपने ‘स्लीप बैंकिंग’ कर रखी है?
Next Article
किडनी में पथरी नहीं जमेगी, 3 लीटर पानी के साथ इन 5 पेयों की भी लें चुस्की

Articles you may like: