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‘AI को पारंपरिक चिकित्सा से जोड़ने की तैयारी’: WHO ग्लोबल समिट में जेपी नड्डा

जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार ने पारंपरिक चिकित्सा को आधुनिक चिकित्सा के साथ भी एकीकृत करने का काम किया है। इसके तहत विभिन्न एम्स में आयुष केंद्र खोले गए हैं और ‘सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव मेडिसिन’ भी दोनों विधाओं को जोड़ने पर काम कर रहा है।

By डॉ. अभिज्ञात

Dec 19, 2025 22:12 IST

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के पारंपरिक चिकित्सा पर आयोजित ग्लोबल समिट को संबोधित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक समग्र (होलिस्टिक) दृष्टिकोण अपनाया है और पारंपरिक चिकित्सा को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के साथ एकीकृत करने की दिशा में काम कर रहा है।

नड्डा ने कहा कि भारत की पिछली स्वास्थ्य नीति उपचारात्मक प्रकृति की थी, जिसमें केवल दवाओं के जरिए बीमारी को ठीक करने पर अत्यधिक जोर था। सारा जोर बीमारी को ठीक करने पर था, यानी आप चाहे जैसा खाएं, पिएं या जीवन जिएं, बस दवा ही आपको ठीक कर देगी। लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2017 में एक नई नीति शुरू की गई और स्वास्थ्य नीति को समग्र बनाया गया।हालांकि, 2017 के बाद एक समग्र स्वास्थ्य नीति अपनाई गई, जिसमें रोकथाम और स्वास्थ्य संवर्धन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।

उन्होंने आगे कहा कि इस नीति में हमें समग्र रूप से सोचना है-रोकथाम, स्वास्थ्य संवर्धन, उपचार, वृद्धावस्था देखभाल, और इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने एकीकृत चिकित्सा (इंटीग्रेटिव मेडिसिन) की परिकल्पना की। स्वयं को एकीकृत करें, अलग-थलग काम न करें। यही कारण है कि आज प्रमाण-आधारित रिपॉजिटरी तैयार की जा रही है, विभिन्न देशों के अनुभव साझा किए जा रहे हैं और आपस में जोड़े जा रहे हैं। इन साझा अनुभवों से न केवल भारत को, बल्कि पूरी दुनिया को लाभ होगा और हम इसी दिशा में काम कर रहे हैं।”

पारंपरिक चिकित्सा को AI के साथ जोड़ने के प्रयासों पर बात करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि सरकार ने पारंपरिक चिकित्सा को आधुनिक चिकित्सा के साथ भी एकीकृत करने का काम किया है। इसके तहत विभिन्न एम्स में आयुष केंद्र खोले गए हैं और ‘सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव मेडिसिन’ भी दोनों विधाओं को जोड़ने पर काम कर रहा है। इसके तहत हमने पारंपरिक चिकित्सा को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ जोड़ने का एक अग्रणी कदम उठाया है। जब हम इन दोनों को जोड़ते हैं तो इससे पारंपरिक चिकित्सा को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। जब हम पारंपरिक चिकित्सा की बात करते हैं तो एकीकृत चिकित्सा के साथ-साथ मैं यह भी कहना चाहता हूं कि हमने आयुष को आधुनिक चिकित्सा से जोड़ा है।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों में आयुष ब्लॉक बनाए हैं। हम ‘सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव मेडिसिन’ को भी आगे बढ़ा रहे हैं ताकि मानवता के हित में पारंपरिक चिकित्सा को आधुनिक विज्ञान से जोड़ा जा सके।

पारंपरिक चिकित्सा पर दूसरा WHO ग्लोबल समिट, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया, जो 17 से 19 दिसंबर तक भारत मंडपम में आयोजित हुआ। इस समिट में वैश्विक नेता, नीति-निर्माता, वैज्ञानिक, चिकित्सक, स्वदेशी ज्ञान के धारक और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के बीच समान, टिकाऊ और प्रमाण-आधारित स्वास्थ्य प्रणालियों को आगे बढ़ाने पर गहन विचार-विमर्श हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत मंडपम, दिल्ली में आयोजित दूसरे WHO ग्लोबल समिट ऑन ट्रेडिशनल मेडिसिन के समापन समारोह में भाग लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कई पहलों का शुभारंभ भी किया, जिनमें ‘माय आयुष इंटीग्रेटेड सर्विसेज पोर्टल’ (MAISP) और ‘आयुष मार्क’ शामिल हैं, जिसे उत्पादों और सेवाओं के लिए एक वैश्विक गुणवत्ता मानक के रूप में विकसित किया गया है। मोदी ने योग में प्रशिक्षण पर WHO की तकनीकी रिपोर्ट, पुस्तक “From Roots to Global Reach: 11 Years of Transformation in Ayush” का विमोचन किया। साथ ही अश्वगंधा पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया, जो भारत की पारंपरिक औषधीय विरासत की वैश्विक गूंज का प्रतीक है।

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