हाल ही में बच्चों में मस्तिष्क चोट और उनके शरीर में छोटे जैविक बदलाव के बीच नया संबंध खोजा गया है। यह खोज डॉक्टरों और शोधकर्ताओं को यह समझने में मदद कर सकती है कि बच्चे मस्तिष्क चोट के बाद कोशिकाओं के स्तर पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं। भविष्य में यह जानकारी चिकित्सकों को ऐसे बच्चों की पहचान करने में मदद कर सकती है जिन्हें चोट के बाद विशेष देखभाल की आवश्यकता हो।
शोध के अनुसार वैज्ञानिकों ने डीेएनए यानी कोशिकाओं की निर्देश पुस्तिका पर ध्यान दिया। डीेएनए में सामान्य जीन होते हैं जो शरीर में विभिन्न कार्यों के लिए प्रोटीन बनाते हैं। जीवन भर डीेएनए सामान्य रहता है, लेकिन इसमें छोटे जैविक बदलाव हो सकते हैं। ये बदलाव जीन की गतिविधि को बढ़ा या घटा सकते हैं। डीेएनए में सबसे आम बदलाव डीेएनए मेथाइलेशन है, जो खानपान, व्यायाम या तनाव के अनुसार बदल सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार मस्तिष्क चोट के बाद ये बदलाव भी हो सकते हैं।
इस अध्ययन में लगभग 300 बच्चों को शामिल किया गया। इनमें से 189 बच्चों को मस्तिष्क चोट थी और उन्हें कम से कम एक रात अस्पताल में रहना पड़ा, जबकि अन्य बच्चों की हड्डियाँ टूटी थीं लेकिन सिर में चोट नहीं थी। अस्पताल में चोट के छह और बारह महीने बाद रक्त के नमूने लिए गए। डीेएनए मेथाइलेशन मापने पर पता चला कि मस्तिष्क चोट वाले बच्चों में चोट के लगभग 30 घंटे के भीतर डीेएनए मेथाइलेशन का स्तर कम था। यह बदलाव चोट की गंभीरता से सीधे जुड़े नहीं थे। इसका मतलब है कि दो बच्चे जो देखने में समान लगते हैं, उनके शरीर की प्रतिक्रिया अलग हो सकती है।
जब कोई बच्चा मस्तिष्क चोट के साथ अस्पताल आता है, डॉक्टर चोट का मूल्यांकन लक्षणों और दिखावट के आधार पर करते हैं, लेकिन यह नहीं पता लगा सकते कि बच्चे का शरीर चोट का कैसे सामना कर रहा है या कौन से कारण उसके असंतोषजनक सुधार में जोखिम डाल सकते हैं। बच्चों का मस्तिष्क निरंतर विकसित हो रहा होता है, इसलिए शुरुआती चोटें लंबी अवधि में सोचने, ध्यान और व्यवहार में समस्याएँ ला सकती हैं।
शोध से पता चलता है कि डीेएनए मेथाइलेशन जैसे एपिजेनेटिक संकेत चिकित्सकों को बेहतर और व्यक्तिगत उपचार रणनीति बनाने में मदद कर सकते हैं। डॉक्टर द्वारा देखी गई जानकारी को कोशिकाओं और डीेएनए के स्तर की जानकारी के साथ जोड़कर बच्चों के लिए व्यक्तिगत इलाज योजना तैयार करना संभव हो सकता है, जिससे उन्हें सबसे प्रभावी उपचार मिल सके।