डायबिटीज का पता चलते ही कई लोग चावल खाना बंद कर देते हैं। ज्यादातर लोगों को डर रहता है कि चावल खाते ही ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाएगा लेकिन शरीर को कार्बोहाइड्रेट की भी जरूरत होती है। ऐसे में सवाल यह है कि चावल खाना चाहिए या नहीं ? न्यूट्रिशनिस्ट दीक्षा जैन बताती हैं कि आप चावल कैसे पकाते हैं और किस तरह खाते हैं, उसी पर निर्भर करता है कि ब्लड शुगर लेवल बढ़ेगा या नहीं।
किस तरह चावल खाने से शुगर बढ़ सकती है ?
चावल में कार्बोहाइड्रेट और फाइबर, दोनों मौजूद होते हैं। आप चावल कैसे खाते हैं, इस पर तय होता है कि शरीर में फाइबर जाएगा या ब्लड शुगर बढ़ेगी। चावल में भरपूर मात्रा में स्टार्च होता है। जब चावल को पकाकर गरम-गरम खाया जाता है तो रक्त शर्करा का स्तर तेजी से बढ़ने की आशंका रहती है। इसलिए डायबिटीज या प्रीडायबिटीज में गरम चावल खाने से बचना चाहिए। पोषण विशेषज्ञ के अनुसार मोटापे की समस्या होने पर भी इस तरह चावल नहीं खाना चाहिए।
किस तरीके से चावल खाने से शरीर को फाइबर मिलेगा ?
चावल पकाने के बाद उसे ठंडा करके खाएं। जब चावल ठंडा हो जाता है तो उसका स्टार्च एक तरह के फाइबर में बदल जाता है। यह फाइबर धीरे-धीरे पचता है और ब्लड शुगर लेवल अचानक नहीं बढ़ाता। न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि चावल पकाने के 8–10 घंटे बाद उसे खाना बेहतर होता है। इससे शुगर बढ़ने के बजाय शरीर को फाइबर मिलता है। इसी वजह से डायबिटीज के मरीजों के लिए बासी चावल ज्यादा फायदेमंद माने जाते हैं।
चावल के साथ फाइबर भी शामिल करें
चावल के साथ आप क्या खाते हैं इस पर भी शुगर लेवल निर्भर करता है। कोशिश करें कि चावल के साथ एक कटोरी दाल, साग या सब्जी की तरकारी जरूर लें। दाल और सब्जियों में भरपूर फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करते हैं।