लंदन : ब्रिटेन, अमेरिका के साथ बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए 2026 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ ‘चार्म ऑफेंसिव’ (सौहार्द्र अभियान) के तहत अपने वरिष्ठ शाही सदस्यों को आगे करने की तैयारी कर रहा है। इस रणनीति के तहत किंग चार्ल्स तृतीय और प्रिंस विलियम की अहम भूमिका हो सकती है।
‘द टाइम्स’ अखबार ने बातचीत से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया कि किंग चार्ल्स तृतीय अगले साल की पहली छमाही में वॉशिंगटन की यात्रा कर सकते हैं। यदि ऐसा होता है, तो यह लगभग 20 वर्षों में किसी सत्तारूढ़ ब्रिटिश सम्राट की अमेरिका की ऐतिहासिक यात्रा होगी। वहीं प्रिंस ऑफ वेल्स प्रिंस विलियम जुलाई में उत्तरी अमेरिका की यात्रा कर सकते हैं जब अमेरिका कनाडा और मैक्सिको के साथ मिलकर फीफा फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी करेगा।
हालांकि दोनों यात्राओं की योजनाएं अभी शुरुआती चरण में हैं और अमेरिका की ओर से औपचारिक निमंत्रण अभी तक नहीं मिला है। रिपोर्ट के अनुसार, इन दौरों को अमेरिका की स्वतंत्रता की 250वीं वर्षगांठ के अवसर से जोड़कर देखा जा रहा है। इसी दौरान ब्रिटेन और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को औपचारिक रूप देने पर बातचीत भी जारी है।
इस महीने अमेरिकी प्रशासन ने ऑनलाइन सुरक्षा नियमों, डिजिटल सर्विस टैक्स और खाद्य सुरक्षा प्रतिबंधों से जुड़ी नियामकीय अड़चनों के कारण ब्रिटेन के तकनीकी क्षेत्र में प्रस्तावित कई अरब पाउंड के निवेश को अस्थायी रूप से रोक दिया था। सितंबर में ट्रंप की भव्य राजकीय यात्रा के दौरान घोषित 31 अरब पाउंड का निवेश इस दौरे की सबसे बड़ी उपलब्धि माना गया था।
डाउनिंग स्ट्रीट को उम्मीद है कि शाही दौरों का इस्तेमाल प्रोत्साहन के तौर पर कर 2026 में यूके अमेरिका व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कराए जा सकेंगे। हालांकि अमेरिकी किसानों को ब्रिटिश बाजारों में अधिक पहुंच देने की मांग जैसे संवेदनशील मुद्दों पर बातचीत उलझी हुई है।
प्रधानमंत्री कीयर स्टारमर के नेतृत्व वाली सरकार चाहती है कि ट्रंप का ध्यान नवंबर में होने वाले अहम अमेरिकी मध्यावधि चुनावों के प्रचार में लगने से पहले ही समझौता हो जाए। ट्रंप ब्रिटिश शाही परिवार के प्रति अपने लगाव को खुलकर जाहिर करते रहे हैं जिसका एक कारण उनकी दिवंगत मां का स्कॉटलैंड से जुड़ाव भी बताया जाता है। सितंबर में विंडसर कैसल में हुए राजकीय भोज में ट्रंप ने यूके–यूएस रिश्तों को “विशेष” बताते हुए कहा था कि यह शब्द भी उनके संबंधों की गहराई को पूरी तरह व्यक्त नहीं करता।