नई दिल्लीः भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। हाल ही में उस देश में एक हिंदू युवक दीपु चंद्र दास को पीट-पीटकर और जीवित जला दिया गया, जिसकी भारत सरकार ने कड़ी निंदा की है। नयी दिल्ली ने साफ कहा कि सीमा पार होने वाली इन घटनाओं को अब नजरंदाज नहीं किया जा सकता।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत सरकार बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों पर मौलवादी समूहों द्वारा लगातार हमले किए जा रहे हैं, जिन्हें भारत ने “उद्विग्न करने वाला” और “अविरत शत्रुता” करार देते हुए कड़ी निंदा की है।
रणधीर जायसवाल ने कहा, “बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ निरंतर शत्रुता अत्यंत चिंता का विषय है। हम हाल ही में हुई हिंदू युवक की हत्या की कड़ी निंदा करते हैं और उम्मीद करते हैं कि इसके दोषियों को न्याय के दायरे में लाया जाएगा।”
हाल के हफ्तों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। खासतौर पर, ‘इंकिलाब मंच’ के नेता ओसमान हादीर की मौत के बाद हिंसा और बढ़ गई। इसके बाद दीपु चंद्र दास की हत्या ने स्थिति को और जटिल बना दिया।
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया यह स्पष्ट करती है कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के मुद्दे पर नयी दिल्ली का रुख और अधिक सख्त होता जा रहा है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत किस तरह से मौलवादी समूहों के दुष्प्रभाव को रोकने और साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए ढाका पर दबाव बनाता है।
विदेश मंत्रालय ने यह भी संकेत दिया कि भारत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और धार्मिक समुदायों के संरक्षण के लिए सतर्कता बढ़ा रहा है और इसे लगातार मॉनिटर किया जाएगा। इस घटना ने यह भी उजागर किया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय अब और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह गंभीर चिंता का विषय है।