🔔 ताज़ा ख़बरें सबसे पहले!

Samachar EiSamay की ब्रेकिंग न्यूज़, राजनीति, खेल, मनोरंजन और बिज़नेस अपडेट अब सीधे आपके पास।

खाने का लालच पड़ता है भारी? गैस-अपच से बचने के 5 स्मार्ट टिप्स

भारी खाना खाने के बाद अगर बदहजमी हो जाए, तो सारा आनंद खराब हो जाता है

By मेघा मंडल, Posted by: प्रियंका कानू

Dec 28, 2025 17:39 IST

सर्दी का मौसम है, ऊपर से छुट्टियों का माहौल। हर दिन कहीं न कहीं पार्टी और पिकनिक चल रही है, खूब खाने-पीने का दौर है लेकिन ज़्यादा तला-भुना और मसालेदार खाना पेट की परेशानी बढ़ा देता है। अगर पाचन तंत्र कमजोर हो, तो पेट फूलना, गैस और एसिडिटी की समस्या होना आम बात है। खासतौर पर भारी भोजन के बाद अगर अपच हो जाए, तो सारा मजा खराब हो जाता है लेकिन अगर खाने के दौरान और बाद में इन 5 नियमों का पालन किया जाए, तो पेट फूलने और बदहजमी की परेशानी से बचा जा सकता है।

धीरे-धीरे और आराम से खाएं

खाना खाते समय जल्दबाजी न करें। भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाएं। इससे शरीर में अतिरिक्त हवा नहीं जाती और गैस से पेट फूलने की समस्या नहीं होती। साथ ही खाना ठीक से पचता है। खाते समय पूरा ध्यान सिर्फ खाने पर रखें।

खाने के बाद थोड़ी देर टहलें

खाना खत्म होते ही बिस्तर पर लेट न जाएं। इससे पाचन सही तरीके से नहीं हो पाता। खाने के बाद कम से कम 10–15 मिनट टहलें। हल्की वॉक से पाचन तेज होता है, पेट फूलने की समस्या कम होती है और ब्लड शुगर भी नियंत्रित रहता है।

सही पेय पदार्थ लें

भारी भोजन के बाद सोडा या कार्बोनेटेड ड्रिंक पीने से कोई फायदा नहीं होता बल्कि ब्लड शुगर बढ़ सकता है। इसके बजाय पुदीने की चाय, अदरक का पानी या कैमोमाइल टी लें। ये पेय अपच रोकने और पेट की असहजता कम करने में मदद करते हैं।

समझदारी से भोजन करें

जरूरत से ज़्यादा खाने से अपच होना तय है। पेट भर जाने के बाद खाना बंद कर दें इसलिए खाते समय भोजन पर ध्यान देना ज़रूरी है। यह भी समझें कि कौन-से खाद्य पदार्थ आपको गैस या एसिडिटी की परेशानी देते है और उन्हें सीमित मात्रा में या टालें।

पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं

अपच से बचने के लिए दिन भर में पर्याप्त पानी पीना बहुत ज़रूरी है। रोज़ करीब ढाई से तीन लीटर पानी पिएं। खाने से आधा घंटा पहले और बाद में पानी पीने से ज़्यादा खाने की आदत कम होती है और पाचन बेहतर रहता है।

Prev Article
क्या वाकई डिटॉक्स करता है गुनगुना पानी और नींबू? जानिए विशेषज्ञ की राय!
Next Article
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के शताब्दी वर्ष पर सरकार का फोकस: वेलनेस, एथिक्स और आधुनिक हेल्थकेयर

Articles you may like: