माहवारी के 4-5 दिन हर लड़की के लिए बहुत मुश्किल भरे होते हैं। किसी को पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द होता है, तो किसी का पूरा चेहरा मुंहासों (Pimple) से भर जाता है। माहवारी (Periods) के दौरान त्वचा बहुत अधिक संवेदनशील हो जाती है। आमतौर पर हार्मोन के असंतुलन के कारण ऐसा होता है। इसलिए इस समय त्वचा की विशेष देखभाल की जरूरत होती है।
ऐसा क्यों होता है?
माहवारी के लगभग 7-10 दिन पहले एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर सबसे कम होता है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर पूरे महीने एक समान रहता है, लेकिन एस्ट्रोजन का स्तर कम होने पर यह सीधे त्वचा पर प्रभाव डालता है। साथ ही माहवारी के समय प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में भी उतार-चढ़ाव होता है।
माहवारी के 12-13 दिन बाद डिंबोत्सर्जन (Ovulation) के समय शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है। तब त्वचा सूखी हो जाती है। त्वचा में जलन महसूस होती है और लाल चकत्ते दिखाई दे सकते हैं। फिर जब माहवारी शुरू होती है, तब एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है। तब त्वचा तैलीय हो जाती है और मुंहासों की समस्या दिखाई देती है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या पीसीओएस होने पर यह समस्या और बढ़ जाती है।
इस समय किन बातों का रखें खास ख्याल?
1) ऐसे समय में अधिक पानी पीना चाहिए। पर्याप्त पानी पीने से त्वचा की नमी रहेगी, जिससे मुंहासों सहित अन्य समस्याएं भी नहीं होंगी।
2) त्वचा के तैलीय हो जाने से मुंहासों की समस्या होती है। इसलिए त्वचा की तैलीयता को दूर करना जरूरी है। ऑयल-फ्री फेसवॉश का उपयोग करना जरूरी है। आवश्यकता पड़ने पर चिकित्सक की सलाह लें।
3) कई लोग मुंहासों को खुजलाते या छूते रहते हैं। इसका उल्टा असर पड़ता है। बार-बार मुंहासों को छूने से उनमें मौजूद बैक्टीरिया त्वचा के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं। नतीजन, मुंहासे कम होने के बजाए बढ़ जाते हैं।
4) अत्यधिक तेल-मसाले वाले खानों से इस समय परहेज करनी चाहिए। तले हुए खाद्य पदार्थ, सॉफ्ट ड्रिंक्स, चॉकलेट, मिठाइयां अधिक नहीं खाना ही इस समय आपकी त्वचा के लिए अच्छा है। खाने में हरी सब्जियां और प्रचुर मात्रा में मौसमी फलों को जरूर शामिल करें। इस समय जितना हो सके फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं। चीनी कम खाएं।
5) ज्यादा हैवी मेकअप से बचना ही उचित है। मुंहासों पर कोई भी क्रीम या मॉइश्चराइजर न लगाएं।