एई समय : तृणमूल के 10 संगठनात्मक जिलों में ब्लॉक-टाउन स्तर पर पार्टी के शीर्ष नेताओं ने एक साथ फेरबदल किया है। जिले के पार्टी नेताओं का कहना है कि इन 10 संगठनात्मक जिलों में शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माने जाने वाले पूर्व मेदिनीपुर के कांथी संगठनात्मक जिले के अंतर्गत 16 संगठनात्मक ब्लॉक-टाउन में से 8 जगहों पर नए चेहरों को लाया गया है।
कांथी-1 ब्लॉक और कांथी टाउन का नेतृत्व करने वाले नेताओं के नाम की घोषणा गुरुवार को नहीं की गयी है। तृणमूल के जिला नेतृत्व के एक समूह का अनुमान है कि इन दोनों जगहों पर भी नए चेहरे आ सकते हैं। तमलुक संगठनात्मक जिले के अंतर्गत नंदीग्राम-1 और नंदीग्राम-2 ब्लॉक के नेतृत्व के नाम भी इस दिन घोषित नहीं किए गए। जिले के नेताओं का मानना है कि कांथी-1 ब्लॉक, कांथी टाउन, नंदीग्राम के दोनों ब्लॉक को लेकर तृणमूल के राज्य नेतृत्व कुछ खास सोच रहा है।
तृणमूल के कांथी संगठनात्मक जिले के खेजुरी, भगवानपुर, रामनगर, चंडीपुर, एगरा आदि विधानसभा क्षेत्रों में ब्लॉक स्तर पर व्यापक फेरबदल हुआ है। तमलुक संगठनात्मक जिले में भी 16 संगठनात्मक ब्लॉक में से केवल महिषादल ब्लॉक को छोड़कर बाकी ब्लॉक और टाउन में नए नेतृत्व आए हैं। नंदीग्राम के दोनों ब्लॉक में इस दिन चूंकि अध्यक्ष के नाम घोषित नहीं हुए, इसलिए यहां भी नए चेहरे आने की प्रबल संभावना है।
तृणमूल के तमलुक संगठनात्मक जिले के एक नेता का कहना है कि नंदीग्राम को लेकर अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि वह अलग बैठक करेंगे। उस बैठक के बाद यहां दोनों ब्लॉक में नेतृत्व का नाम घोषित हो सकता है। इसी कारण मदर के अलावा किसी शाखा संगठन के अध्यक्ष का नाम घोषित नहीं किया गया है। तृणमूल नेताओं का मानना है कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मेदिनीपुर में अधिकांश विधानसभा केंद्रों पर भाजपा ने बढ़त बनाई थी। इसी कारण इन दोनों संगठनात्मक जिलों में व्यापक फेरबदल हुए हैं।
तमलुक और कांथी संगठनात्मक जिलों के साथ-साथ इस दिन पश्चिम वर्धमान, झाड़ग्राम, पुरुलिया, मेदिनीपुर, घाटाल, बारासात, बनगांव और दमदम-बैरकपुर संगठनात्मक जिलों के ब्लॉक और टाउन स्तर के नेतृत्व के नाम घोषित किए गए हैं। एक समय अर्जुन सिंह के खास इलाके के रूप में जाने जाने वाले भाटपाड़ा टाउन में किसी को अध्यक्ष न बनाकर पांच सदस्यों की कोर कमेटी का गठन किया गया है।
दमदम-बैरकपुर संगठनात्मक जिले के अध्यक्ष पार्थ भौमिक को इस कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है। देवज्योति घोष को इस कोर कमेटी का आह्वाहक बनाया गया है। बारासात संगठनात्मक जिले के बारासत-1 नंबर ब्लॉक में भी कोर कमेटी मॉडल ही अपनाया गया है।
यहां देगंगा के विधायक मोहम्मद ईसा को तीन सदस्यों की कोर कमेटी का आह्वाहक बनाया गया है। खड़गपुर सदर विधानसभा क्षेत्र पर भाजपा का कब्जा है। साल 2024 की लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने बढ़त बनाई थी। यहां भी कोर कमेटी मॉडल तैयार किया गया है। मेदिनीपुर संगठनात्मक जिले के अध्यक्ष सुजय हाजरा को आह्वाहक बनाकर 7 सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया है।
मतुआ समुदाय प्रभावित बनगांव संगठनात्मक जिले में तृणमूल अपनी खोई हुई जगह को वापस लाने के लिए पूरी तरह से कमर कस कर उतर चुकी है। यहां भी एक के बाद एक ब्लॉक में नए चेहरे आए हैं। इसी तरह पुरुलिया के कई ब्लॉक में अध्यक्ष बदले गए हैं। तुलनात्मक रूप से झाड़ग्राम जिले में पुराने चेहरों पर भरोसा रखा गया है। जंगल महल के नेताओं का कहना है कि 8 संगठनात्मक ब्लॉक में कहीं भी किसी अध्यक्ष को नहीं बदला गया है।