दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए QR कोड युक्त पास बनवाना अनिवार्य

NKDA के तहत आने वाले इस विसर्जन घाट पर प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए इस साल पूजा आयोजकों को डिजिटल पास प्राप्त करना करना पड़ रहा है। ऑनलाइन फॉर्म भरकर यह पास लेना पड़ रहा है।

By Chitradeep Chakraborty, Posted By : Moumita Bhattacharya

Oct 05, 2025 11:13 IST

एई समय : न्यू टाउन में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जित करने से पहले उसके बारे में NKDA (न्यू टाउन-कोलकाता डेवलपमेंट अथॉरिटी) के पास, इस बाबत जानकारी देते हुए आवेदन करना होगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हर साल न्यू टाउन, सॉल्ट लेक और आसपास के कुछ इलाकों से आने वाली करीब 100 से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन न्यू टाउन के विसर्जन घाट पर ही किया जाता है।

यहां एक निश्चित जलाशय में प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है, जहां प्रशासन ने विसर्जन घाट का निर्माण भी किया है। बताया जाता है कि गत गुरुवार से लेकर शनिवार तक 3 दिनों में यहां लगभग 600 प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ है।

NKDA के तहत आने वाले इस विसर्जन घाट पर प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए इस साल पूजा आयोजकों को डिजिटल पास प्राप्त करना करना पड़ रहा है। ऑनलाइन फॉर्म भरकर यह पास लेना पड़ रहा है। सॉल्ट लेक, न्यू टाउन सहित पूरे विधाननगर कमिश्नरेट क्षेत्र की जितनी भी दुर्गा पूजाएं हैं, उन सभी पूजाओं को अनुमति मांगने के लिए ऑनलाइन आवेदन करते वक्त यह भी बताना होगा कि कब और कहां प्रतिमा विसर्जन किया जाएगा। उसी के अनुसार पूजा समिति के सचिव और अध्यक्ष को फॉर्म का लिंक भेजा जा रहा है।

उस फॉर्म में पूजा कमेटी का नाम, पता, किस तारीख को, किस समय या स्लॉट में प्रतिमा विसर्जन होगा - यह सभी जानकारियां भरनी होंगी। इसके अलावा, उसमें पूजा कमेटी के सचिव और अध्यक्ष का नाम और मोबाइल फोन नंबर का उल्लेख भी करना होगा। उसी नंबर पर ओटीपी (OTP) भेजा जा रहा है।

उस ओटीपी के साथ फॉर्म ऑनलाइन जमा करने पर क्यूआर कोड युक्त डिजिटल पास तैयार होगा। विसर्जन घाट पर एनकेडीए के कर्मचारी उस क्यूआर कोड को स्कैन करके सभी जानकारियां देखकर जांच कर लेंगे। उसके बाद प्रतिमा विसर्जन किया जा सकेगा।

एनकेडीए के सीईओ अब्दुल साहिद ने बताया कि प्रतिमा विसर्जन में कम समय लगे, इसीलिए यह व्यवस्था की गई है। अगर कोई इस डिजिटल पास के बिना आता है, तो विसर्जन घाट पर आकर उन्हें ऑनलाइन ही फॉर्म भरना होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि प्रतिमा विसर्जित होने के साथ ही उसे क्रेन की मदद से पानी से बाहर निकाल लिया जा रहा है। जल प्रदूषण कम से कम हो, इस बात को सुनिश्चित करने के लिए ही यह व्यवस्था की गयी है। बताया जाता है कि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचने के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों को भी मौके पर तैनात रखा गया है। इस बार भी घाट पर विसर्जन के साथ-साथ धुनुची नृत्य भी चल रहा है।

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