7 दिनों के अंदर हटाने होंगे विज्ञापन के होर्डिंग, नहीं तो KMC खुद खोल देगी

दुर्गा पूजा के समय कोलकाता की अर्थव्यवस्था में बड़ा निवेश होता है। इसलिए इस समय नियमों में थोड़ी ढील देने का फैसला लिया जाता है - देवाशिष कुमार

By Moumita Bhattacharya

Oct 05, 2025 13:53 IST

कार्निवल के बाद 7 दिनों के अंदर कोलकाता की सड़कों से विज्ञापन के होर्डिंग खोलकर हटा लेने होंगे। KMC सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगर कहीं भी इस आदेश का उल्लंघन हुआ तो वहां होर्डिंग को हटा लेने की व्यवस्था कोलकाता नगरनिगम (KMC) खुद करेगी।

इस बारे में विज्ञापन विभाग के मेयर परिसद व विधायक देवाशिष कुमार ने कहा कि रविवार को कार्निवल खत्म हो जाएगा। उसके बाद अगले 7 दिनों के अंदर विज्ञापन के होर्डिंग को हटा लेना होगा।

उन्होंने बताया कि अगर किसी ने इस आदेश की अवमानना की तो KMC खुद ही होर्डिंग को खोलकर हटा देगी। हालांकि KMC में यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि होर्डिंग खोलने की जिम्मेदारी KMC क्यों लेगी? नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाएगी? हालांकि संबंधित विभाग के कार्यवाहक अधिकारियों ने इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया है।

बता दें, इस साल कोलकाता महानगर में KMC ने नई विज्ञापन नीति को लागू किया है। महानगर के सुन्दरीकरण पर अधिक जोर देते हुए विज्ञापन मुक्त इलाके, मोनोपोल पर विज्ञापन, हेरिटेज इमारतों को ढंकने वाले विज्ञापन नहीं देने जैसे कई नियमों को लागू करने की घोषणा मेयर फिरहाद हकीम ने खुद ही किया था।

लेकिन त्योहार के मौसम में इस नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पूरे कोलकाता में हर तरफ विज्ञापन लगाया जाता है। कई जगहों पर ऐसा भी देखा जाता है कि त्योहारों के खत्म होने के बाद भी कई दिनों तक विज्ञापन के होर्डिंग लगे रहते हैं। इस वजह से ही KMC के अंदर यह सवाल उठाया जा रहा है कि नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाएगी?

इस बारे में भाजपा प्रवक्ता और KMC वार्ड नंबर 50 के पार्षद सजल घोष ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई उदाहरण वर्तमान निगम बोर्ड में अभी तक नहीं है। इसलिए इस मामले में कोई व्यवस्था नहीं की जाएगी, यहीं उम्मीद भी की जा रही है।

वहीं वार्ड नंबर 92 के वाम पार्षद सीपीआई की मधुछंदा देव का कहना है कि जो लोग महानगर के सुन्दरीकरण के लिए भी विज्ञापन के होर्डिंग नहीं खोलेंगे, उनके खिलाफ निगम बोर्ड को जुर्माना लगाना चाहिए। दोनों पार्षदों का ही कहना है कि KMC के कोषागार में जो रुपया है, वह आम जनता के करों का ही है। इसलिए नियमों को तोड़ने वालों से जुर्माना लेना जरूरी भी है।

संबंधित विभाग के मेयर परिसद देवाशिष कुमार ने कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान पूरे कोलकाता में कई हजार करोड़ रुपयों का आर्थिक लेन-देन होता है। नियमों में ढील देने और नियमों को तोड़ने में बड़ा फर्क है। दुर्गा पूजा के समय कोलकाता की अर्थव्यवस्था में बड़ा निवेश होता है। इसलिए इस समय नियमों में थोड़ी ढील देने का फैसला लिया जाता है।

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