एई समय: DVC के पानी छोड़ने के मुद्दे पर तनाव पहले से ही बढ़ रहा था। शुक्रवार को यह विवाद आरोप-प्रत्यारोप और उसके खंडन तक ही सीमित था लेकिन शनिवार से इसने राजनीतिक विवाद का रूप ले लिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए आरोप लगाया था कि राज्य को बिना बताए ही डीवीसी (DVC) ने 'जानबूझकर और एकतरफा रूप से' पानी छोड़कर बंगाल को बर्बाद करने की साजिश रची है।
उनका दावा था कि कुल डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। शनिवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने मुख्यमंत्री के आरोपों को खारिज कर दिया। इन सबके बीच राज्य पर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा अभी दूर नहीं हुआ है। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार रविवार को उत्तर बंगाल में भारी बारिश की चेतावनी है। साथ ही निम्न दबाव के प्रभाव से दक्षिण बंगाल के भी लगभग सभी हिस्सों में मध्यम बारिश होने का पूर्वानुमान है।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अपने पोस्ट में दावा किया था कि डीवीसी ने शाम तक मैथन और पंचेत जलाशय से 1 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा है। लेकिन शनिवार को पाटिल ने सोशल मीडिया पर इसका जवाब देते हुए लिखा, 'पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने जो दावा किया है, वास्तविक पानी छोड़ने की मात्रा उसके आधे से भी कम है।'
'डीवीसी रेगुलेशन कमेटी' से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए पाटिल का दावा है कि मैथन जलाशय से 42,500 क्यूसेक और पंचेत से 27,500 क्यूसेक सहित कुल 70,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। हालांकि राज्य को पहले से बिना सूचित किए अचानक पानी छोड़ने के आरोपों को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया।
शनिवार को ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर कुछ नया नहीं कहा, लेकिन सिंचाई मंत्री मानस भुइयां ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, 'पाटिल साहब या तो खुद असली सच्चाई नहीं जानते या फिर उन्हें गलत जानकारी दी जा रही है। गुरुवार को डीवीसी ने 65,000 क्यूसेक और शुक्रवार को 75,000 क्यूसेक पानी छोड़ा था। इससे ही तो डेढ़ लाख क्यूसेक पानी हो जाता है।' मानस भुइयां का आरोप है कि शनिवार को डीवीसी ने 75,000 क्यूसेक पानी छोड़ा है। कुल मिलाकर उसकी मात्रा कितनी हो रही है, वह पाटिल साहब के हिसाब में है क्या? ममता बनर्जी झूठी जानकारी नहीं देतीं। बंगाल के लोग यह जानते हैं।
गौरतलब है कि डीवीसी के पानी छोड़ने के कारण दक्षिण बंगाल के कई जिलों के फिर से जलमग्न होने की आशंका पैदा हो गयी है। पिछले दो दिनों से आसनसोल और दुर्गापुर औद्योगिक क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है। वह पानी भी दामोदर नदी में जा रहा है। इस वजह से दुर्गापुर में राज्य सिंचाई विभाग के जलाशय की जल धारण क्षमता अपनी सीमा से पार हो गई है। इस स्थिति में डीवीसी प्रबंधन ने बताया है कि वर्धमान, हावड़ा और हुगली जिले में दामोदर तटवर्तीय क्षेत्रों में सतर्कता जारी की गई है।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ओडिशा में बना निम्न दबाव का क्षेत्र वर्तमान में उत्तर ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ पर स्थित है। यह पहले उत्तर दिशा की ओर बढ़कर झारखंड की तरफ जाकर निम्न दबाव में परिवर्तित होगा। फिर उत्तर और उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ेगा। रविवार को कोलकाता में आंशिक रूप से बादल छाए रहने का अनुमान लगाया गया है। कुछ जगहों पर गरज के साथ बारिश भी हो सकती है। हालांकि लगातार भारी बारिश की संभावना नहीं है।
कल यानी सोमवार और मंगलवार को भी वीरभूम, मुर्शिदाबाद, नदिया, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिले के कुछ-कुछ क्षेत्रों में हल्की से भारी बारिश होने की संभावना है। लेकिन उत्तर बंगाल में आपदा का पूर्वानुमान है। शनिवार और रविवार को अलीपुरदुआर में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
इसके अलावा सिक्किम की राजधानी गंगटोक और पश्चिम सिक्किम के गेजिंग में भी रेड अलर्ट जारी किया गया है। भारी बारिश में सड़क पर न निकलने के साथ-साथ कमजोर घरों में न रहने की सलाह दी गई है। उत्तर के सभी जिलों में तूफान-बारिश का पूर्वानुमान है। दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, कूचबिहार में अत्यधिक भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है ।