एई समय : अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) के साथ शोभन चट्टोपाध्याय ने गुरुवार को लंबी बैठक की। इस बैठक में कोलकाता के पूर्व मेयर के साथ वैशाखी बनर्जी भी मौजूद रहीं। तृणमूल (TMC) सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कालीघाट में अभिषेक बनर्जी के कार्यालय में ही यह बैठक करीब तीन घंटे से अधिक समय तक चली।
टीएमसी सूत्रों का दावा है कि शोभन ने तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव को बैठक में कहा है कि वह तृणमूल कांग्रेस द्वारा दी गयी किसी भी जिम्मेदारी को लेकर पार्टी में वापस आने के लिए तैयार हैं।
इस बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए शोभन चटर्जी ने कहा कि कई विषयों को लेकर चर्चा हुई है। विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी हुआ। मैं बहुत खुश हूं। क्या तृणमूल में वापसी की बात पर क्या चर्चा हुई? इस सवाल का जवाब देते हुए चटर्जी ने कहा हां। अभिषेक से बात की है। जिस तरह से मुझे काम सौंपा जाएगा, मैं उसी तरह से काम करने के लिए तैयार हूं। हालांकि शोभन चटर्जी का कहना है कि इस विषय पर अंतिम निर्णय तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की ही होगी।
गौरतलब है कि 2021 के विधानसभा चुनाव के बाद ही भाजपा शिविर के साथ शोभन का संबंध टूट गया था। पिछले कुछ वर्षों से भाई दूज के दिन उन्हें कालीघाट जाकर ममता बनर्जी से टीका लगवाते देखा गया है। लेकिन अभिषेक बनर्जी के साथ शोभन की ऐसी लंबी बैठक हाल के दिनों में नहीं हुई थी। इस बैठक के बाद वैशाखी बनर्जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पहली बार ऐसी बैठक हुई है। यह एक यादगार क्षण है।
तृणमूल के कई नेताओं का मानना है कि इन साढ़े तीन घंटे की बैठक के बाद शोभन की तृणमूल में वापसी का रास्ता साफ हो गया है। तृणमूल के कोलकाता के एक नेता का कहना है कि अगर पूर्व मेयर को वापस लाया जाता है, तो बेहला के दो विधानसभा क्षेत्रों में शायद शोभन को कोई जिम्मेदारी दी जा सकती है।
पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद दक्षिण कोलकाता के तृणमूल अध्यक्ष देबाशीष कुमार इस क्षेत्र का संगठन देख रहे हैं। तृणमूल नेताओं का मानना है कि बेहला में शोभन की वापसी होने पर वहां उनके अनुभवों का उपयोग पार्टी कर सकती है।
वर्ष 2025 के अप्रैल में ही बेहला के 10 वार्डों में नए अध्यक्षों के नाम की घोषणा की गई थी। बताया जाता है कि इन 10 वार्ड अध्यक्षों में एक समय पार्थ के करीबी नेता भी हैं, ठीक वैसे ही एक समय शोभन चटर्जी के करीबी माने जाने वाले नेता भी हैं। हालांकि तृणमूल के कुछ नेताओं का यह भी मानना है कि रत्ना चट्टोपाध्याय बेहला पूर्व की विधायक हैं।
उस क्षेत्र में शोभन चटर्जी को कोई संगठनात्मक जिम्मेदारी देने की संभावना कम ही है। लेकिन तृणमूल के अनुभवी नेताओं का कहना है कि इस बारे में आखिरी निर्णय ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी ही लेंगे। वे दोनों जो भी निर्णय लेंगे, उसे सभी को मानना होगा।