एसएसकेएम ने रचा इतिहास, महिला के पेट से निकला 2 किलो का विशाल ट्यूमर

महिला की जान बचाकर अस्पताल के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जीआई सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। पर ऐसा क्या खास किया है डॉक्टरों ने, जिसे लेकर इतनी प्रशंसा और चर्चाएं की जा रही हैं?

By Moumita Bhattacharya

Sep 22, 2025 19:52 IST

13 सितंबर, कोलकाता : पैनक्रियाज के ऊपर विशाल आकार का एक ट्यूमर। भारत तो क्या दुनिया में कहीं और इतना विशाल ट्यूमर पाया गया है या नहीं, यह सोचने वाली बात है। ऐसे ही एक भयानक स्थिति में ट्यूमर को काटकर मरीज को एक नयी जिंदगी देने का काम किया है, कोलकाता के एसएसकेएम पीजी अस्पताल के डॉक्टरों ने।

37 वर्षीया इस महिला की जान बचाकर अस्पताल के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जीआई सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। पर ऐसा क्या खास किया है डॉक्टरों ने, जिसे लेकर इतनी प्रशंसा और चर्चाएं की जा रही हैं?

अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पैनक्रियाज में यह ट्यूमर किसी भी स्थान पर हो सकता है लेकिन अगर वह पैनक्रियाज के ठीक ऊपर बनता है, तो उसे काट कर हटाना बड़ा ही मुश्किल माना जाता है। बताया जाता है कि इसे व्हीपल ऑपरेशन कहा जाता है। अगर ट्यूमर का आकार बड़ा होता है तो ऑपरेशन भी उतना ही जटिल माना जाता है।

हालांकि एसएसकेएम में इस तरह का ऑपरेशन पहले भी हो चुका है लेकिन इस बार ट्यूमर का आकार और वजन में नया रिकॉर्ड बनाया है। इस बार जिस ट्यूमर को काट कर निकाला गया है, वह आकार में करीब 20 सेमी गोल और 16 सेमी मोटा है। इसका वजन 2 किलो बताया जाता है। इस आकार का ट्यूमर अब तक दुनिया भर में और कहीं निकाला गया है या नहीं, यह चर्चा का विषय है।

मिली जानकारी के अनुसार मुर्शिदाबाद के बेलडांगा निवासी उक्त महिला कुछ दिनों पहले पेट में दर्द की शिकायत लेकर पीजी अस्पताल में भर्ती हुई थी। इसके बाद से उनके शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई दे रहे थे। डॉक्टरों ने उनकी कई तरह की जांच करवायी जिसके बाद पता चला कि उनके पेट में पैंक्रियाज के ठीक ऊपर विशाल आकार का एक ट्यूमर पनप रहा है।

रोगी की जान को खतरे में देख गत 12 सितंबर को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल जीआई सर्जरी विभाग के डॉ. तुहिनभद्र मंडल के साथ उनकी टीम के अन्य डॉक्टर डॉ. सुमन दास, डॉ. हेमाभ साहा, डॉ. स्वप्निल सेन और सर्जन स्रर्णली दत्त ने उनका ऑपरेशन शुरू किया। डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत स्थितिशील बताया है।

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