दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन करने कोलकाता पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने 'सोनार बांग्ला' (सोने का बंगाल) बनाने का अह्वान किया है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने दावा किया कि इस बार राज्य में भाजपा की सरकार बनेगी। इधर तृणमूल (TMC) सांसद अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने शाह पर पलटवार करते हुए कहा, 'सोनार बिहार', 'सोनार उत्तर प्रदेश', 'सोनार महाराष्ट्र' क्यों नहीं बना?
शुक्रवार को ईश्वरचंद्र विद्यासागर की जयंती के मौके पर कोलकाता के विद्यासागर कॉलेज में अभिषेक बनर्जी माल्यार्पण करने पहुंचे। यहां उन्होंने वर्ष 2021 में अमित शाह के जुलूस के बाद ही विद्यासागर की मूर्ति को तोड़ने की घटना को याद करते हुए भाजपा की आलोचना की।
साल 2021 की चुनाव से पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार 'सोनार बांग्ला' बनाने का आह्वान किया था। वर्ष 2026 की विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले एक बार फिर से अमित शाह ने अपने पुराने हथियारों पर ही धार देना शुरू कर दिया है।
भाजपा नेता सजल घोष की दुर्गा पूजा संतोष मित्रा स्क्वायर का उद्घाटन करने पहुंचे अमित शाह ने अगले चुनाव में भाजपा की सरकार बनाने का दावा किया। इसके जवाब में अभिषेक बनर्जी ने भाजपा शासित राज्यों में सार्वजनिक सुविधाओं दुर्दशा का मुद्दा उठाया। तृणमूल सांसद ने कटाक्ष करते हुए कहा कि दो दिन पहले ही बिहार में सड़क धंस गयी थी। तो क्या वहां 'सोनार बिहार' बन गया? गुजरात में रोड ब्रिज टूट गयी, महाराष्ट्र में भी ब्रिज टूट कर गिर गयी - 'सोनार गुजरात', 'सोनार महाराष्ट्र' बन गया?
पिछली सोमवार की रात को हुई अतिभारी बारिश की वजह से कोलकाता पूरी तरह से जलमग्न हो गयी थी। इस वजह से महानगर के एक बड़े हिस्से में परिवहन सेवा पूरी तरह से ठप्प पड़ गयी थी। कोलकातावासियों को इस वजह से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इन बातों को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी पर विपक्ष ने हमला बोला था।
इसके जवाब में अभिषेक बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा कि हमारे राज्य को बकाया रुपया न देकर उन रुपयों का अपने राज्यों (भाजपा शासित राज्य) में इस्तेमाल कर रहे हैं। हमारे यहां 4 घंटे में 300 मिमी बारिश हुई थी। कुछ असुविधाएं तो होंगी ही।
तृणमूल सांसद ने आगे कहा, अगर आपको सब कुछ में राजनीति ही देखनी है, तो बंगाल की इच्छाशक्ति भी देखिए। मुख्य सड़कों पर 48 घंटे के अंदर ही पानी उतर गया था। अगर कोलकाता शहर जलमग्न रहती तो क्या अमित शाह इधर-उधर घूम पाते?