एई समय : प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति घोटाले में सीबीआई (CBI) द्वारा गिरफ्तार किए गए पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है। न्यायाधीश शुभ्रा घोष ने उनकी जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया है। हालांकि अदालत ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री की जमानत पर कई शर्तें भी रखी हैं।
क्या अब जेल से हो सकेंगे रिहा?
इस बारे में पार्थ चटर्जी के वकीलों का दावा है कि पार्थ चटर्जी को शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है। हालांकि वकीलों के एक समूह को अभी भी इस बात को लेकर संदेह है कि उन्हें अब जेल से रिहा किया जाएगा अथवा नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में पार्थ चटर्जी को जमानत दे दी है, लेकिन वकीलों का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमे की प्रक्रिया के लिए एक समय सीमा निर्धारित की है।
गौरतलब है कि 18 अगस्त के अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में आरोप तय करने का काम एक महीने के भीतर और गवाही दो महीने के भीतर पूरी होनी चाहिए। वकीलों का दावा है कि इसके बाद ही पूर्व शिक्षा मंत्री जेल से रिहा हो सकेंगे। इसलिए वकीलों का मानना है कि प्रक्रिया पूरी होने में अभी कुछ समय लग सकता है।
हाई कोर्ट ने पार्थ चटर्जी के सामने रखी कौन सी शर्तें?
1. जमानत की एक शर्त , मुकदमा पूरा होने तक वह कोई सरकारी पद नहीं संभाल पाएंगे (उन्हें किसी सार्वजनिक पद की जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती)। हालांकि, वह अपने क्षेत्र में जनप्रतिनिधि के रूप में काम कर सकेंगे।
2. उन्हें अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा।
3. उन्हें महीने में एक बार जांच अधिकारी से मिलना पड़ेगा।
4. वह निचली अदालत का इलाका छोड़कर नहीं जा सकेंगे।