एई समय : दुर्गा पूजा शुरू होने से पहले ही बागुईआटी के अर्जुनपुर 'आमरा सबाई क्लब' का नाम लोगों की जुबान पर चढ़ गया था। पंडाल का उद्घाटन होते ही दिन-रात लंबी लाइन भी लग रही थीं। सप्तमी की सुबह उसी पंडाल से घोषणा कर दी गई कि फिलहाल पूजा पंडाल का गेट आम दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेगा।
मिली जानकारी के अनुसार कुछ यांत्रिक त्रुटियों के कारण यह निर्णय लिया गया है। हालांकि लाइन में खड़े कुछ दर्शनार्थियों का दावा है कि भारी भीड़ को संभालने में आयोजक परेशान हो रहे हैं। इसी कारण यह निर्णय लिया गया है। आयोजकों ने दर्शनार्थियों के इन दावों को मानने से इनकार कर दिया है।
सोमवार, सप्तमी की सुबह 7 बजे से इस दुर्गा पूजा पंडाल का गेट को बंद कर दिया गया। षष्ठी की रात को इस पूजा पंडाल के सामने विशाल जन सैलाब देखा गया था। बागुईआटी, नागेरबाजार, सातगाछी - हर जगह ऑटो-टोटो की लंबी लाइनें थीं। सभी का गंतव्य अर्जुनपुर आमरा सबाई क्लब ही था।
पिछले कई वर्षों से अर्जुनपुर की इस पूजा को लेकर उत्साह अपने चरम पर है। साल-दर-साल यह उत्साह बढ़ता ही जा रहा है। श्रीभूमि, दमदम पार्क घूमकर अर्जुनपुर के इस पूजा पंडाल में मां दुर्गा के दर्शन किए बिना दर्शनार्थियों का मन नहीं भरता है। जानकारी के अनुसार इस साल तो चतुर्थी के दिन से ही यहां लाइन लग गई थीं।
इस बार अर्जुनपुर आमरा सबाई क्लब का थीम है 'मुखोमुखि' यानी देवी के साथ सीधा साक्षात्कार। अपने अंदर की शक्ति का सामने आना - इस अवधारणा के आधार पर ही पंडाल का निर्माण किया गया है। स्टेनलेस स्टील की 'काइनेटिक' संरचना और मातृशक्ति की प्रतिमा इस विचार को ही उजागर कर रही है जिसने दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ खींचा है।
दावा किया जा रहा है कि हर दिन यहां हजारों दर्शनार्थियों की भीड़ पूजा पंडाल को देखने के लिए उमड़ रही है। आयोजकों ने इस थीम के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की है कि ज्ञान ही समाज को बदलता है, शिक्षा शक्ति देती है। लेकिन...
सप्तमी की सुबह पंडाल को बंद कर दिए जाने से दुर्गा पूजा के बीच में ही मुश्किलें खड़ी हो गयी हैं। हालांकि आयोजकों को उम्मीद है कि शाम के बाद फिर से दर्शनार्थियों के लिए पूजा पंडाल को खोल दिया जा सकेगा।