एई समय : दुर्गापूजा से ठीक पहले भीषण प्राकृतिक आपदा के दौरान बिजली के खुले तारों की चपेट में आने से 10 लोगों की मौत हो गई थी। उनमें से कोलकाता के ही 8 लोग थे। इस घटना को लेकर 'खुली हवा' नाम के एक संगठन ने रविवार, 5 अक्टूबर को महानगर में रैली निकालने की अनुमति मांगी थी। लेकिन उसी दिन रेड रोड पर दुर्गापूजा कार्निवाल भी आयोजित होने वाला है। इसलिए पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी। आखिरकार यह मामला अदालत में पहुंचा। शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने शर्तों के साथ रैली की अनुमति दे दी है।
अदालत में आवेदनकारी संगठन ने बताया था कि रैली के लिए 27 सितंबर को पुलिस के पास आवेदन किया गया था। आरोप है कि 5 अक्टूबर को दुर्गापूजा कार्निवाल है - यह तर्क देते हुए पुलिस ने अनुमति नहीं दी। कोर्ट में राज्य के वकील ने अपनी दलील में कहा कि यह संगठन राजनीतिक है। इसके सभी सदस्य भाजपा से हैं।
उल्लेखनीय है कि इस रैली में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के शामिल होने की भी संभावना थी। इस बात को ही अपना मुद्दा बनाते हुए राज्य के वकील का दावा था कि जहां भी शुभेंदु अधिकारी रहते हैं, वहां अशांति फैलती है। क्यों संगठन को यह रैली 5 अक्टूबर को ही करनी है? क्या सिर्फ इसलिए, क्योंकि उस दिन कार्निवाल है?
हालांकि न्यायाधीश विश्वरूप चौधरी की अवकाशकालीन बेंच ने अपने फैसले में कहा कि लोगों की संख्या कम करके कॉलेज स्क्वायर से सेंट्रल एवेन्यू के बजाय कॉलेज स्क्वायर से दूसरे रास्ते से होकर संगठन रविवार को ही रैली निकाल सकता है।
अनुमति देते हुए न्यायाधीश चौधरी ने अपनी टिप्पणी में कहा, 'कार्निवाल के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी वहां तैनात रहेंगे, इसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता। लेकिन इतने लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत की बात को ध्यान में रखते हुए पुलिस को इस रैली की अनुमति देनी होगी।' अदालत का कहना है कि पांच हजार के बजाय तीन हजार समर्थकों के साथ दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे के बीच यहह रैली निकाली जा सकती है।