नीमतिता विस्फोट मामले में अदालत ने तीन लोगों को किया बरी

जाकिर हुसैन को उस दिन अपने समर्थकों के साथ सियालदह स्टेशन जाना था। उन्हें नीमतिता से ट्रेन पकड़नी थी। उसी समय बम विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में जाकिर हुसैन और उनके समर्थक घायल हो गए।

By Arpita Hazra, Posted By : Moumita Bhattacharya

Sep 24, 2025 18:03 IST

नीमतिता विस्फोट मामले में अदालत ने ईशा खान, अबू समद और सैदुल इस्लाम को बुधवार को बरी कर दिया है। 17 फरवरी, 2021 को मुर्शिदाबाद के नीमतीता स्टेशन पर एक विस्फोट हुआ था। उस समय राज्य के श्रम राज्य मंत्री जाकिर हुसैन थे। बताया जाता है कि इस विस्फोट में वह और 22 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। शुरुआत में, मामले की जाँच सीआईडी ​​(CID) कर रही थी। लेकिन बाद में, उसी वर्ष 3 मार्च को मामले की जांच एनआईए (NIA) को सौंप दी गई।

इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें ईशा खान, अबू समद और सैदुल इस्लाम शामिल थे। समद और सैदुल का नाम भी चार्जशीट में दर्ज है। अपनी टिप्पणी में न्यायाधीश ने कहा कि विस्फोट के समय उनमें से कोई भी मौजूद नहीं था। किसी भी गवाह ने उन्हें नहीं देखा।

जाकिर हुसैन के वकील ने कहा कि जाकिर हुसैन को उस दिन अपने 200-300 समर्थकों के साथ डाउन तीस्ता तोर्शा एक्सप्रेस पकड़कर सियालदह स्टेशन जाना था। उन्हें निमतीता से ट्रेन पकड़नी थी। जिस समय बम विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में तत्कालीन राज्य मंत्री जाकिर हुसैन और उनके समर्थक घायल हो गए। इस मामले में 62 गवाह थे।

वकील ने कहा कि अदालत को इन तीनों के दोषी होने के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। टीआई परेड, दस्तावेजों या घटना के दौरान थाने में तीनों की मौजूदगी के कोई सबूत नहीं हैं। अदालत जानना चाहती है कि दो लोगों को परेशान करने में एनआईए का इस्तेमाल क्यों किया गया?

गौरतलब है कि इस मामले में तृणमूल विधायक इमानी विश्वास से भी कई बार एनआईए ने पूछताछ की थी। बताया जाता है कि गिरफ्तार लोगों से पूछताछ के दौरान इमानी का नाम सामने आया था। हालांकि जाकिर और इमानी एक ही पार्टी से थे, लेकिन जिले में यह अफवाह थी कि उनके बीच 36 का आंकड़ा है।

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