एई समय : दुर्गा पूजा से ठीक पहले भारी बारिश में डूब गया महानगर कोलकाता। सोमवार की रात से मंगलवार सुबह तक हुई भारी बारिश में कोलकाता सहित कई इलाके जलमग्न हो गए। कई घरों में पानी घुस गया है। कहीं घुटने तक तो कहीं कमर तक पानी है। सड़क पर निकलकर आम लोग मुसीबत में पड़ गए हैं। ऐसी स्थिति में मंगलवार की सुबह ही मेयर फिरहाद हकीम नगर निगम के कंट्रोल रूम पहुंचे। वहां से उन्होंने कोलकातावासियों से सावधानी बरतने की सलाह दी।
कोलकाता नगर निगम के कंट्रोल रूम से मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि सोमवार की रात कोलकाता में भारी बारिश के कारण शहर के काफी इलाके जलमग्न हो गए हैं। मैंने ऐसी मूसलाधार बारिश नहीं देखी। खबरों में उत्तराखंड, कश्मीर में जिस तरह की मूसलाधार बारिश की बात हम सुनते हैं, वह आज कोलकाता में देखी। 5-6 घंटे में 300 मिलीमीटर या उससे अधिक बारिश हुई है।
भयावह स्थिति है। हमने लॉक गेट खोल दिए थे, लेकिन पानी बाउंस बैक करके वापस आ रहा है। डेढ़ बजे के आसपास टाइड आने की संभावना है। उसके चले जाने के बाद शायद हम पानी को ठीक से निकाल पाएंगे। पूरी स्थिति पर नजर रख रहे हैं। आपातकालीन सेवाओं के साथ-साथ आम लोगों की हर तरह से मदद करने के लिए केएमसी काम कर रहा है।'
इसके बाद उन्होंने नागरिकों से कहा कि मैं सभी से अनुरोध कर रहा हूं, जब तक पानी नहीं उतरता, कृपया घर में रहें। सुरक्षित रहें। अगर बाहर हैं, तो लैंपपोस्ट और बिजली के खंभे को छूएं नहीं। क्योंकि जलमग्न क्षेत्रों में बिजली का झटका लगने का खतरा रहता है। जितनी जल्दी हो सके स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए केएमसी के कर्मचारी प्रयास कर रहे हैं। सॉल्टलेक में पानी उतारने के लिए केएमडीए को मदद करने को कहा है।
बादल फटने वाली बारिश क्या है? मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर एक घंटे के भीतर 10 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 100 मिलीमीटर या उससे अधिक बारिश होती है, तो उसे बादल फटने के बाद हुई बारिश कहा जाता है। मंगलवार की सुबह जलमग्न सड़कों पर महानगर में एक के बाद एक बिजली का झटका लगने से कई मौत की घटनाएं भी सामने आयी हैं। बेनियापुकुर, गड़ियाहाट, नेताजीनगर, कालीकापुर और इकबालपुर थाना क्षेत्र में अब तक 5 लोगों की मौत हुई है।