हाल ही में कलकत्ता हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने अपने फैसले में कहा था कि आरजी कर आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे अनिकेत महतो को पोस्टिंग आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ही देनी होगी। उस आदेश को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने डिविजन बेंच में मामला दायर किया है। अनिकेत का दावा है कि वह डिविजन बेंच में भी यह लड़ाई लड़ेंगे। हालांकि कानूनी संघर्ष का जो खर्च होने वाला है, वह अनिकेत को सोचने के लिए मजबूर कर दे रहा है।
उल्लेखनीय है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पिछले साल एक युवा महिला चिकित्सक के दुष्कर्म और हत्या की घटना को लेकर राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन किया गया था। जूनियर चिकित्सकों के आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक अनिकेत महतो थे। वह आरजी कर अस्पताल के जूनियर डॉक्टर थे। इस वर्ष में 3 चिकित्सकों की पहली पोस्टिंग के स्थान बदलने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
बताया जाता है कि तीनों ही आरजी कर आंदोलन का प्रमुख चेहरा थे। वे 3 चिकित्सक हैं, अनिकेत महतो, अशफाकुल्ला नाइया और देवाशीष हल्दार। काउंसलिंग में देवाशीष हल्दार को मालदह के गाजोल स्टेट जनरल अस्पताल में, अनिकेत महतो को रायगंज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में और असफाकुल्ला को पुरुलिया में पोस्टिंग दी गई।
इस पोस्टिंग के आदेश को चुनौती देकर अशफाकुल्ला, देवाशीष और अनिकेत ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि इस बीच अशफाकुल्ला और देवाशीष ने नए अस्पताल में काम शुरू कर दिया है। लेकिन अनिकेत ने नई पोस्टिंग स्वीकार नहीं की।
अनिकेत के मामले में न्यायाधीश विश्वजीत बसु की खंडपीठ ने आदेश दिया था कि राज्य सरकार को इस चिकित्सक को उसकी पसंद की पोस्टिंग ही देनी होगी। हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि अनिकेत को रायगंज में तबादला करना राज्य की 'गंभीर' गलती है। अब सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देकर राज्य सरकार ने डिविजन बेंच में मामला दायर किया है।