पूजा के कुछ महीने पहले ही अन्य राज्य में बंगाली प्रवासी मजदूरों के उत्पीड़न और अन्याय की घटनाओं को लेकर राज्य राजनीति गर्म हो गई थी। इसी घटना को थीम के रूप में नागेर बाजार के जयपुर जयश्री की दुर्गापूजा में प्रस्तुत किया गया। अष्टमी के दिन 11 प्रवासी मजदूर इस मंडप में उपस्थित थे। उनसे अभिषेक बनर्जी ने मुलाकात की। उन्हें पूजा के कुछ उपहार हाथ में दिए गए।
झारखंड के जमशेदपुर में काम पर गए थे साद्दाम मोल्ला। उन्होंने बताया कि बंगाली बोलने के कारण उन्हें उत्पीड़ित किया गया। कुछ दिन पहले ही उन्होंने काम छोड़कर बंगाल लौट आए। साद्दाम कहते हैं, 'हममें से कुछ लोग काम पर गए थे। बंगाली बोलने के कारण मारपीट की गई, किसी के गले में चाकू रख दिया गया। इसके बाद से काम पर जाने में डर लगने लगा।'
अभिषेक ने क्या कहा?
अभिषेक बनर्जी का कहना है कि सद्दाम को अभी काम पर लौटने से मना किया गया है। आश्वासन दिया कि बंगाल में कुछ न कुछ उन्हें इंतजाम किया जाएगा।'
मंडप के बाहर उस दिन उन्हें काफी अच्छे मूड में देखा गया। उन्हें अपनी बेटी के साथ फुचका खाते भी देखा गया। अभिषेक के साथ दमदम के सांसद सौगत राय, सांसद पार्थ भौमिक, काउंसलर अदिति मुंशी भी मौजूद थे।
जयश्री की दुर्गापूजा के मंडप का निरीक्षण करने के बाद अभिषेक बागुईहाटी के अश्विनी नगर मित्र मंडल की पूजा में गए। इस पूजा समिति ने 'बंगाल और बंगाली' थीम पर मंडप का निर्माण किया है।