हाई-वे पर बढ़ रहे दुर्घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार की नयी पहल

हाईवे का मतलब है स्पीडोमीटर की सुई की दौड़। अनियंत्रित गति में गाड़ी चलाना अब जैसे 'न्यू नॉर्मल' हो गया है। इससे दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।

By एलिना दत्त, Posted by: लखन भारती.

Sep 30, 2025 16:47 IST

हाईवे पर दुर्घटना होने पर मदद आने में देर होने के कारण अक्सर दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति अपनी जान गंवा देते हैं। इस समस्या का सामना करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार राष्ट्रीय और राज्य सड़कों पर नई एम्बुलेंस सेवा '108' शुरू करने जा रही है। इस नंबर पर कॉल करने से मदद और तेजी से पहुंचेगी।

जानकारी मिली है कि, हाईवे पर किसी दुर्घटना होने पर घायल व्यक्तियों की मदद के लिए 110 एम्बुलेंस तैनात की जा रही हैं। इनमें से 35 एम्बुलेंसों में उन्नत जीवन समर्थन सुविधाएँ होंगी और 75 एम्बुलेंसों में प्राथमिक जीवन समर्थन सेवा उपलब्ध होगी। ऐसे में यदि किसी बड़ी दुर्घटना में संकटपूर्ण समय आए, तो इन एम्बुलेंसों के माध्यम से ही सहायता प्रदान की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य है, विशेष रूप से रात के समय जब स्थानीय अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र ले जाने का अवसर नहीं मिल पाता, तब ये एम्बुलेंस कई घायल लोगों की जान बचा सकती हैं।

राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर प्रत्येक 50 किलोमीटर की दूरी पर जीवन समर्थन प्रदान करने के लिए तैयार की गई ये एम्बुलेंस तैनात की जाएंगी। प्रत्येक एम्बुलेंस दुर्घटना से घायल व्यक्तियों को 25 किलोमीटर के दायरे में आपातकालीन सेवा देगी। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) पश्चिम बंगाल के निदेशक शुभांजन् दास ने बताया, 'इस पहली बार एनएचएम विशेष रूप से हाईवे पर दुर्घटना ग्रस्त व्यक्तियों के लिए 108 सेवा में एम्बुलेंस चलाएगा। 'गोल्डन ऑवर' में जीवन बचाने की एक पहल। हमने पहले ही हाईवे पर दुर्घटना प्रवण क्षेत्रों की पहचान कर ली है और उसी अनुसार एम्बुलेंस तैनात की जाएगी।


स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही जिलाधिकारी और पुलिस को दुर्घटना-प्रवण क्षेत्रों की पहचान करने का निर्देश दे दिया है ताकि त्वरित चिकित्सा और बचाव कार्य संभव हो सके। इसके तहत 40 एम्बुलेंस स्वास्थ्य विभाग के अधीन रहेंगी।

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