चेतला अग्रणी के दुर्गा पूजा पंडाल को इस साल 1 करोड़ से ज्यादा संख्या में रुद्राक्षों से सजाने का फैसला लिया गया है जो निश्चित रूप से श्रद्धालुओं को पसंद आने वाला है।
दुर्गा पूजा को लेकर कोलकाता के लोगों में एक अलग प्रकार का ही उत्साह होता है। बड़ी संख्या में लोग कोलकाता के इस महोत्सव को अनुभव करने के लिए इन दिनों महानगर में आते हैं। हर दुर्गा पूजा पंडाल को अलग-अलग थीम पर सजाया जाता है। इसमें से कुछ थीम ऐसे होते हैं, जो लोगों के दिलों को छू जाते हैं। इसी क्रम में चेतला अग्रणी के दुर्गा पूजा पंडाल को इस साल 1 करोड़ से ज्यादा संख्या में रुद्राक्षों से सजाने का फैसला लिया गया है।
यह निश्चित रूप से श्रद्धालुओं को बेहद पसंद आने वाला है।
विदेशों से लाया गया है रुद्राक्ष
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार चेतला अग्रणी के दुर्गा पूजा पंडाल की सजावट के लिए लगभग 1 करोड़ 26 लाख रुद्राक्षों का उपयोग किया जाएगा। इन रुद्राक्षों को मलेशिया, इंडोनेशिया, कम्बोडिया और नेपाल के अलावा भारत में बनारस व उत्तर काशी से लाया गया है।
बताया जाता है कि राज्य के 5 जिलों से 200 कलाकार इन रुद्राक्षों की मदद से पूजा पंडाल की सजावट करेंगे। केएमसी के मेयर फिरहाद हकिम ने इस थीम के बारे में विस्तार से समझाते हुए कहा कि प्रसिद्ध कलाकार सुब्रत बंद्योपाध्याय ने इस थीम के बारे में सोचा है।
फरवरी से शुरू हो चुका है पंडाल का निर्माण
बताया जाता है कि इस साल फरवरी से ही दुर्गा पूजा पंडाल के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया था। हालांकि पिछले 2 महीनों के दौरान हुई भारी बारिश के कारण पंडाल निर्माण का कार्य थोड़ा धीमा पड़ गया है। इस साल का थीम 'ज्ञानमंथन के प्रयास में - अमृतकलश की खोज' रखा गया है।
महालया के दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देवी दुर्गा की प्रतिमा का चक्षुदान करेंगी। हालांकि दर्शनार्थियों के लिए पंडाल को 24 सितंबर (तृतीया) के दिन से खुलेगा।
बताया जाता है कि बांकुड़ा, पुरुलिया, बीरभूम और मिदनापुर समेत 5 जिलों के 200 कलाकार मिलकर इस पंडाल की साज-सज्जा का काम कर रहे हैं। रुद्राक्षों की मदद से पूजा पंडाल के बाहर इनसे जुड़ी कहानियां और पौराणिक मान्यताओं को दर्शाया जाएगा।